रांची: मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी (Rajeshwari B) ने कहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के साथ संपत्ति सृजन की दोहरी मंशा से राज्य में शुरू की गई MANREGA की योजनाओं के दायरे में और विस्तार किया गया है।
अब मनरेगा को रोजगार सृजन के साथ कुपोषण जैसी समस्या से निपटने का कारगर हथियार बनाया गया है। वह मंगलवार को कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग, JSLPS एवं मनरेगा को जोड़ कर संचालित दीदी बाड़ी योजना से संबंधित बैठक में बोल रही थीं।
विभिन्न पहलुओं पर चर्चा एवं संबंधित विषय पर विस्तार से बात हुई
मनरेगा आयुक्त ने कहा कि मनरेगा अंतर्गत दीदी बाड़ी योजना के माध्यम से इस पर पहल की जा रही है। बैठक में पपीता, नींबू, आंवला और कटहल मोरिंगा की खेती ग्रामीण परिवारों के साथ करने पर चर्चा की गई।
मनरेगा और कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के साथ राज्य में पपीता, नींबू, आंवला और कटहल मोरिंगा की खेती को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पहलुओं पर चर्चा एवं संबंधित विषय पर विस्तार से बात हुई।
बैठक में उद्यान निदेशालय (Horticulture Directorate) के उपनिदेशक राजेंद्र किशोर, कृषि निदेशालय के अपर निदेशक बीएन त्रिपाठी सहित अन्य शामिल थे।