रांची: रांची के Morhabadi Ground में झारखंड जनजातीय महोत्सव का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने कहा कि आदिवासी समुदाय एक स्वाभिमानी समुदाय है, मेहनत करके खाने वाली कॉम है, ये किसी से भीख नहीं मांगती है।
हम भगवान बिरसा, एकलव्य, राणा पूंजा की कॉम हैं, जिन्हें कोई झुका नहीं सकता, कोई डरा नहीं सकता, कोई हरा नहीं सकता। हम उस कॉम के लोग हैं जो गुरु की तस्वीर से हुनर सीख लेते हैं।
कोयला है पर हमारे पास न तो आरा मशीन है और न ही फैक्ट्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सामने से वार करने वाले लोग हैं, सीने पर वार झेलने वाले लोग हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम इस देश के मूल वासी हैं।
हमारे पूर्वजों ने ही जंगल बचाया, जानवर बचाया, पहाड़ बचाया? हां, आज यह समाज यह सोचने को मजबूर है कि जिस जंगल-जमीन की उसने रक्षा की आज उसे छीनने का बहुत तेज प्रयास हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जानवर बचाओ, जंगल बचाओ सब बोलते हैं पर आदिवासी बचाओ (Save tribal) कोई नहीं बोलता। अरे आदिवासी बचाओ जंगल जीव -जंतु सब बच जाएगा।
सभी की नजर हमारी जमीन पर है। हमारे जमीन पर ही जंगल है, लोहा हैं, कोयला है पर हमारे पास न तो आरा मशीन है और न ही फैक्ट्री ।
हमारी नयी पीढ़ी को इस बारे में सोचना होगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें अपने 200-250 वर्ष पूर्व के इतिहास को याद करना होगा। हमें यह याद रखना होगा कि आज जो भी जमीन हमारे पास है वह समाज के शहीदों की देन है।
बिरसा मुंडा, भीमा नायक, कंटा भील, सिद्धो-कान्हो (Sidho-kanho) सभी महापुरुषों ने आदिवासी अस्मिता की रक्षा के लिए जान निछावर कर कर दिए थे।
भगवान् बिरसा मुंडा ने क्या कहा था? उन्होंने जल-जंगल-जमीन पर अधिकार की बात की थी। अबुआ राज की बात की थी। गांव की सरकार की बात की थी।
दिक्कत है कि हम अपने आदर्शों के बारे में जानते ही नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी नयी पीढ़ी को इस बारे में सोचना होगा।