रांची: झारखंड में कृषि बाजार शुल्क को लागू करने के निर्णय को अब तक समाप्त नहीं किये जाने पर फेडरेशन ऑफ झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज ने चिंता व्यक्त की है।
इसे लेकर झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज ने बुधवार को वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव और प्रदेश कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर से मुलाकात की और आग्रह किया कि इस अव्यवहारिक शुल्क को समाप्त कराने की पहल करें।
मुलाकात के दौरान इस बात पर भी चिंता जताई गई कि इस विधेयक के विरोध में राज्यस्तर पर पिछले एक माह से जारी विरोध-प्रदर्शन के बावजूद अब तक राज्य सरकार द्वारा संज्ञान नहीं लिया जाना चिंतनीय है। इससे प्रदेश के सभी जिलों में उहापोह की स्थिति बनी हुई है।
उद्योगों का विचलन झारखण्ड राज्य के निकटवर्ती राज्यों में हो जायेगा
चैंबर अध्यक्ष धीरज तनेजा ने चर्चाओं के क्रम में यह समझाने का प्रयास किया कि झारखण्ड में कृषि उपज पर कृषि शुल्क देय किये जाने से राज्य में कृषि उपज के उत्पादन, इसके विपणन, संबंधित प्रसंस्करण उद्योग एवं व्यापार में भारी कमी आयेगी।
क्योंकि कृषि उपज के व्यवसाय और उद्योगों का विचलन झारखण्ड राज्य के निकटवर्ती राज्यों में हो जायेगा ,जहां पर कृषि शुल्क की दर शून्य है।
प्रतिनिधिमण्डल में चैंबर उपाध्यक्ष दीनदयाल बरनवाल, महासचिव राहुल मारू, सह सचिव रोहित अग्रवाल, विकास विजयवर्गीय आदि शामिल थे।