रांची: राज्यपाल रमैश बैस ने कहा कि महिला सशक्तीकरण (women Empowerment) सामाजिक विकास के लिए जरूरी है। शिक्षा सशक्तीकरण का सबसे प्रभावी माध्यम है।
यह जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है, चाहे वह लड़का हो या लड़की हो। राज्यपाल रांची वीमेंस कॉलेज की दूसरी ग्रेजुएशन सेरेमनी में शुक्रवार को बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि महिला के अधिकारों की रक्षा में शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह लिंग के आधार पर भेद-भाव को रोकने में भी मदद करती है।
देश की प्रगति के लिए महिलाओं का शिक्षित होना बहुत जरूरी है। देखा जाता है कि बच्चों की प्रथम गुरु माँ ही होती है जो उन्हें जीवन में मार्गदर्शन करती है।
उन्होंने कहा कि आपका आचरण, व्यवहार और चरित्र यह निर्धारित करेगा कि आपने महाविद्यालय से क्या सीखा और यहां की शिक्षिकाओं ने आपके पीछे कितना परिश्रम किया। उन्होंने कहा कि ग्रेजुएशन समारोह का किसी भी विद्यार्थी के जीवन में एक विशेष महत्व है।
उन्होंने सभी पदक विजेता छात्राएँ को बधाई दी
आप सबका उत्साह और उमंग इस समारोह की गरिमा को और बढ़ा देता है। यह उपाधि महज एक औपचारिकता नहीं, अपितु एक दायित्व भी है। आप अपने कॉलेज की प्रतिनिधि हैं और जहां भी कहीं कार्य करेंगी, आपसे ही इस संस्थान की पहचान होगी।
राज्यपाल ने कहा शिक्षण की असली खुशी अपने विद्यार्थियों में छिपी प्रतिभा और क्षमताओं को प्रोत्साहित करना एवं उन्हें सृजनशील और दक्ष बनाना है। विद्यार्थियों को आत्मविश्वासी के साथ-साथ विनम्र भी बनना होगा, तभी आपके जीवन का मार्ग प्रशस्त होगा।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थी ज्ञानवान बनने के साथ-साथ नैतिकवान एवं चरित्रवान भी बनें। शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ डिग्री हासिल करना और नौकरी पाना ही नहीं होना चाहिये।
शिक्षा का मूल उद्देश्य चरित्र निर्माण भी है। सदा निर्भीक होकर जीवन व्यतीत करें और लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ें। उन्होंने सभी पदक विजेता छात्राएँ को बधाई दी।
कार्यक्रम में कुलपति डॉ कामिनी कुमार, प्राचार्य रांची विमेंस कॉलेज, डॉक्टर शमशुन नेहार, रांची विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ मुकुंद चंद्र मेहता, परीक्षा नियंत्रक डॉ आशीष झा तथा गवर्निंग बॉडी की मेंबर डॉ कुनूर कांदिर सहित अन्य मौजूद थे।