रांची: झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र (Jharkhand Assembly Monsoon Session) के तीसरे दिन मंगलवार को सदन ने 11,988 हजार करोड़ का अनुपूरक बजट (Supplementary Budget) ध्वनिमत से पारित कर दिया।
साथ ही इस पर भाजपा विधायक अमर बाउरी (Amar Baori) के कटौती प्रस्ताव को निरस्त किया गया। इसके अलावा विनियोग विधेयक को भी सदन ने मंजूरी दे दी।
अनुपूरक बजट पास करने के पूर्व अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान राज्य में IAS-IPS के ट्रांसफर पोस्टिंग का मसला विधायक अमित यादव ने उठाया। उन्होंने कहा कि अनुपूरक बजट लाना सरकार का अधिकार है पर सरकार को पानी की भी चिंता करनी होगी।
सुखाड़ की स्थिति राज्यभर में आ चुकी है। खेती और पीने को पानी नहीं है। सुखाड़ के बीच सरकार IAS-IPS का ट्रांसफर तो कर रही है पर कई विभागों में जरूरत के बावजूद पोस्टिंग नहीं कर रही। कृषि निदेशक का और दूसरे पद खाली हैं।
सरयू राय ने कहा..
सरयू राय ने विभागों को अनुपूरक बजट के जरिये राशि उपलब्ध कराने के मसले पर कहा कि वित्त मंत्री को देखना चाहिए कि वास्तव में बजट के जरिये दी गयी राशि का क्या सदुपयोग हो रहा है।
जिस मद में पैसा जा रहा है, उसका क्या उपयोग हो रहा। उसकी स्थिति क्या है। उन्होंने सदन से मांग करते कहा कि एक विशेष कमेटी बनाकर राशि के उपयोग को देखा जाए या फिर सीएजी को ही दे दें।
सरयू राय (Saryu Rai) ने कहा कि जिन विधायकों को बजट के कटौती प्रस्ताव पर बोलना था, वही सदन में नहीं हैं। यह अशोभनीय है, पहली बार दिखा है। जमशेदपुर सहित अन्य शहरों में बस चुकी बस्तियों और उनमें रहने वालों को नियमित किए जाने की बात कही। जमीन का मालिकाना हक देने के अलावा जमशेदपुर में नगरपालिका की जरूरत बतायी।
पटना हाई कोर्ट ने इस काम को सही ठहराया
उन्होंने अल्प वेतन भोगियों (Low Wage Earners) को ओडिशा सरकार की तरह नियमित करने या कर्मियों के खाते में पूरे पैसे देने और आउटसोर्सिंग कंपनी को एक निश्चित कमीशन देने की भी बात कही।
पथ निर्माण विभाग द्वारा गलत सूचना दिए जाने, स्वास्थ्य विभाग द्वारा दवा खरीद मामले में आसन के नियमन के उल्लंघन की भी बात रखी।
लंबोदर महतो (Lambodar Mahato) ने कहा कि बिहार सरकार की तरह यहां भी जाति आधारित गणना होनी चाहिए। पटना हाई कोर्ट ने इस काम को सही ठहराया है। ऐसे में झारखंड में भी यह गणना अपने खर्च पर सरकार कराए।