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झारखंड : SAIL में काम कर रहे अधिकारियों के विशेष भत्ते पर लगी रोक

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बोकारो: स्टील अथाॅरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) में कार्यरत अधिकारियों के विशेष भत्ते पर प्रबंधन ने अब रोक लगा दी है। SAIL मुख्यालय के इस आदेश से बोकारो स्टील प्‍लांट समेत अन्य माइंस यूनिट (Mines Unit) के करीब 600 अधिकारी प्रभावित होंगे।

इस नए आदेश को 1 नवंबर 2022 से प्रभावी किया जाएगा। बता दें यह भत्ता अधिकारियों को कठिन क्षेत्र में काम करने के लिए दिया जाता था। जो कि अब 1 नवंबर से नहीं दिया जाएगा।

सबसे अधिक अधिकारी बोकारो स्टील प्लांट में ही है कार्यरत

दरअसल, अधिकारियों को उनके बेसिक वेतन की आठ प्रतिशत (8%) राशि विशेष भत्ते के तौर पर मिलती थी। लेकिन अब इस पर रोक लगाए जाने के प्रबंधन के निर्णय से अधिकारियों में आक्रोश है। मालूम हो कि सेल की झारखंड, ओडिशा व छत्‍तीसगढ़ राज्य में लगभग एक दर्जन माइंस इकाइयां हैं।

इनमें बोकारो इस्पात संयंत्र (Bokaro Steel Plant) के अंतर्गत झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम में किरीबुरू, मेघाहातुबुरू, चिरिया, गुआ, नोवामुंडी और मनोहरपुर व राउरकेला इस्पात संयंत्र के अंतर्गत बोलानी, वरसुआ, टेनसा, बोनाई और टालडीही माइंस हैं।

वहीं भिलाई इस्पात संयंत्र के अधीन राजहरा, नंदिनी व हिरी माइंस संचालित हैं। संख्‍या के हिसाब से सबसे ज्यादा अधिकारी बोकारो स्‍टील प्‍लांट के अधीन ही कार्यरत हैं।

सेफी की वर्तमान कमेटी अफसरों के अधिकार व हित की रक्षा करने में विफल

इधर, विशेष भत्‍ते पर रोक लगाए जाने के बाद से स्टील एग्जीक्यूटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया (Steel Executive Federation of India) के पूर्व महासचिव विमल विशी ने वर्तमान कमेटी पर सवाल खड़े कर दिए है।

उन्‍होंने कहा कि अधिकारियों की सुविधाओं में दिन-प्रतिदिन बढ़ोतरी की बजाय लगातार कटौती की जा रही है। अब तक जूनियर अधिकारियों के वेतनमान का मामला नहीं सुलझ सका है।

दीपावली पर अफसरों को एडवांस पीआरपी तक नहीं दी गई, वहीं अब माइंस जैसे कठिन क्षेत्र में काम करने वाले अधिकारियों का विशेष भत्ता रोका जा रहा है। इससे साफ है कि सेफी की वर्तमान कमेटी अफसरों के अधिकार व हित की रक्षा करने में पूरी तरह से विफल है।

दिन प्रतिदिन अधिकार छीन रही कंपनी

वहीं इस आदेश के बाद से ही अधिकारियों में भी नाराजगी है। अधिकारियों का कहना है कि दिन-प्रतिदिन हमें मिल रही सुविधाओं में बढ़ोतरी होनी चाहिए लेकिन इसका उल्टा हमारी सुविधाओं में कटौती की जा रही है। और कंपनी धीरे-धीरे कर हमारे अधिकार हमसे छीन रही है।

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