बोकारो: सिटी थानांतर्गत लकड़ाखंदा के नव प्राथमिक विद्यालय प्रांगण में रविवार को बाल अधिकार सरंक्षण जागरूकता अभियान चलाया गया।
बाल अधिकार कार्यकर्ता सह मनोवैज्ञानिक डॉ प्रभाकर कुमार ने बच्चों और अभिभावकों के बीच अभियान चलाया।
वहीं डॉ प्रभाकर कुमार ने बाल अधिकारों को परिभाषित करते हुए सुरक्षा के अधिकार के तहत पोक्सो कानून की बारीकियों को समझाया, बढ़ती बाल यौन उत्पीड़न एक चिंता का विषय है,
लगातार बाल उत्पीड़न कई रूपों में समाज में देखी जाती रही है,डॉ प्रभाकर कुमार ने कहा कि कानून में बदलाव होने के बाद कोई भी 12 वर्ष तक कि बच्ची के साथ दुष्कर्म के दोषी को मौत की सजा का प्रावधान किया गया है ।
पोक्सो के पहले के प्रावधानों के तहत दोषियों के लिए अधिकतम सजा उम्रकैद और न्यूनतम सजा सात वर्ष की जेल थी । बाल यौन उत्पीड़न के अन्य अपराधों की सजा भी कठोर है ।
पोक्सो कानून के दायरे में 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से किसी भी तरह का यौन व्यवहार शामिल है।
नाबालिग बच्चों के प्रति यौन उत्पीड़न ,यौन शोषण , पोनोग्राफी जैसे यौन अपराधों और छेड़छाड़ के मामलों में कार्रवाई पोक्सो कानून के अंतर्गत अलग अलग अपराध के लिये अलग अलग सजा निर्धारित किये गए हैं ।