झारखंड

मुहर्रम का अखाड़ा निकालने की अनुमति नहीं : उपायुक्त

धनबाद: कोरोना के संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए मुहर्रम के अखाड़ों को सरकार द्वारा जारी एसओपी का पालन करना अनिवार्य है। जिला प्रशासन कोरोना संक्रमण के मद्देनजर कोई समझौता नहीं करेगा।

पर्व मनाने का मौलिक अधिकार एवं धार्मिक आस्था के साथ संक्रमण को बचाना भी जिला प्रशासन का उद्देश्य है। त्योहार में वास्तविक उद्देश्य की प्रतिपूर्ति होनी चाहिए।

यह बातें उपायुक्त संदीप सिंह ने शुक्रवार को न्यू टाउन हॉल में आयोजित जिला स्तरीय शांति समिति की बैठक में कही।

उपायुक्त ने कहा कि शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए तथा आपात स्थिति से निपटने के लिए हर अखाड़ा संचालकों के पास संबंधित थाना का मोबाइल नंबर होना आवश्यक है।

कोरोना में गलती की संभावना रोकने के लिए समन्वय अति आवश्यक है। साथ ही कहा कि अखाड़े के सदस्यों में जागरूकता की कमी नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि इस बार किसी भी अखाड़े को जुलूस निकालने की अनुमति नहीं मिलेगी।

कोरोना संक्रमण को मध्य बिंदु में रखते हुए कहीं भी भीड़ इकट्ठी ना हो, यह हम सबको मिलकर सुनिश्चित करना है। भीड़ में एक भी संक्रमित व्यक्ति के आ जाने से कई स्वस्थ लोग कोरोना की चपेट में आ सकते हैं।

उन्होंने कहा कि अधिकतर विवादों का जड़ सोशल मीडिया के माध्यम से फैलाई गई गलत तथा भ्रामक सूचनाएं होती है। अतः सभी अखाड़ों को सोशल मीडिया पर उड़ने वाली अफवाहों से सतर्क रहना है।

किसी भी पोस्ट पर प्रतिक्रिया देने से पहले संबंधित थाना प्रभारी को सूचित करें। बिना सत्यापन के वैसी पोस्ट को अन्य ग्रुप में फॉरवर्ड ना करें।

साथ ही उन्होंने सभी संबंधित पुलिस पदाधिकारियों को ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई करते हुए सुसंगत धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया।

उन्होंने लोगों से सादगी के साथ मुहर्रम मनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि मुहर्रम के अवसर पर जिले, प्रखंड तथा थाना स्तर पर 24 घंटे कंट्रोल रूम कार्यरत रहेगा। किसी प्रकार की सूचना लोग तत्काल कंट्रोल रूम को देंगे।

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