दुमका: जरुवाडीह निवासी अंकिता (Ankita) 12 वीं में पढ़ती थी। उसी मुहल्ले का शाहरुख (Shahrukh) उस पर जबरन दोस्ती करने का दबाव बनाता था। उसके प्यार के प्रस्ताव को वह ठुकरा चुकी थी।
घटना के एक दिन पहले भी 22 अगस्त को उसने फोन पर धमकी दी थी कि मुझसे बात नहीं करोगी तो जान से मार देंगे। रात में छात्रा अपने कमरे में सोई हुई थी कि तड़के 4 बजे शाहरुख उसके घर पहुंच कर खिड़की से Petrol छिड़क कर आग लगा दी थी।
फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में प्राथमिक इलाज के बाद बेहतर इलाज के लिए उसे 23 अगस्त को ही देर रात Rims रांची में भर्ती किया गया था।
अंकिता का शरीर का पीठ का हिस्सा, दोनों हाथ, दोनों पैर और पेट का भाग बुरी तरह से जल गया था। मौत के साथ पांच दिनों के संघर्ष के बाद वह जिंदगी की जंग हार गई। रांची में पोस्टमार्टम के बाद उसका शव देर शाम तक दुमका लाया जा सकेगा।
शाहरुख के परिवार का समाजिक बहिष्कार करने की मांग
शाहरुख के कृत्य से जरुवाडीह में समाज के सभी वर्ग के लोग दुखी हैं और इसके परिवार का समाजिक बहिष्कार (Social exclusion) करने की मांग उठ रही है।
शाहरुख का दो भाई है। उसका बड़ा भाई टाइल्स लगाने का काम करता है। शामरुख भी अपने भाई के साथ टाइल्स लगाने का काम करता था। वह अभी जेल में है।
स्थानीय निवासी और पंचायत समिति सदस्य मो.रोशन ने कहा कि पूरा समाज चाहता है कि उसे कड़ी से कड़ी सजा मिले। पत्रकारों से बातचीत में मो.रोशन ने कहा कि हमलोग चाहते हैं कि शाहरुख के परिवार को यहां से निष्कासित (Expelled) कर दिया जाए।
और उस परिवार का समाजिक बहिष्कार किया जाए। इधर पुराना दुमका पंचायत के मुखिया रविन्द्र बास्की ने कहा कि अंकिता की जिस तरह से जघन्य हत्या की गई है, उससे हमलोग काफी मर्माहत हैं। पूरे पंचायत की ओर से मांग करते हैं कि फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन कर शाहरुख को फांसी की सजा दिलाई जाए।
फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई की होगी पहल
दुमका के उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला ने कहा कि फास्ट ट्रैक कोर्ट (Fast track court) में सुनवाई के लिए आवश्यक पहल की जाएगी। साथ ही परिजनों को मुआवजा दिया जाएगा।
साथ ही उन्होंने लोगों से शांति बनाये रखने की अपील की है। उपायुक्त ने लोगों से शांति की अपील करते हुए कहा कि दोषी पर जल्द कारवाई होगी।