रांची: झारखंड में हो रहे कोयला उत्पादन (Coal Production) के द्वारा मिले लाभ में से बीते दो वर्षों में राज्य को लगभग 19 हजार करोड रुपये का भुगतान किया गया है।
यह जानकारी केंद्रीय कोयला मंत्री Pralhad Joshi ने लोकसभा में दी है।
रांची के सांसद Sanjay Seth ने झारखंड में कोयला उत्पादन और इससे हुए मुनाफे और राज्य को दिए जा रहे लाभ से संबंधित सवाल लोकसभा में पूछा था।
इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि रॉयल्टी, DMFT, NMAET, स्टेट GST, GST मुआवजा, उपकर, कोयले पर उपकर, राज्य बिक्रीकर सहित अन्य निधियों को जोड़कर झारखंड राज्य (Jharkhand State) को वित्तीय वर्ष 2020-21 में 8654 करोड रुपये और 2021-22 में 10339 करोड रुपये का भुगतान किया गया है।
CSR के तहत झारखंड में 173 करोड रुपये की राशि खर्च की गई
उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षों में नाम निर्दिष्ट प्राधिकरण द्वारा आवंटित खानों से झारखंड राज्य में 105 और 238 करोड रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि CIL और इससे जुड़ी अन्य कंपनियों के द्वारा कोयला उत्पादन (Coal production) वाले क्षेत्र के प्रभावित लोगों के लिए CSR के तहत स्वास्थ्य देखभाल, जलापूर्ति, पोषण, स्वच्छता, शिक्षा और आजीविका विकास, ग्रामीण विकास, पर्यावरण संरक्षण, खेलकूद आदि को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है।
इसके तहत विगत तीन वर्षों में CSR के तहत झारखंड में 173 करोड रुपये की राशि खर्च की गई है।
जोशी ने बताया कि 2023-24 और 24-25 के लिए CCL ने विभिन्न क्षेत्रों से कोयला उत्पादन का बड़ा लक्ष्य तय किया है, जिसके लिए बेहतर काम किया जा रहा है।
BCCL 2020 में 1200 करोड़ रुपये के घाटे में रहा
BCCL के घाटे में चलने की बात भी जवाब में कही गई है। सदन में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि आने वाले दो वर्षों में झारखंड में NTPC, हिंडालको, त्रिमूला इंडस्ट्रीज लिमिटेड, JSW स्टील लिमिटेड, पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड, तेनुघाट विद्युत निगम लिमिटेड, यूपी राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड, DVC, CCL सहित कई कंपनियों को कोयला निकालने की अनुमति दी गई है।
इसके तहत वर्ष 2023-24 और 24-25 में लगभग 120 मिलियन से अधिक कोयला उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।
केंद्रीय मंत्री ने Lok Sabha में सांसद को बताया कि CCL ने बीते दो वर्षों में लगभग 2900 करोड रुपये लाभ कमाया है जबकि BCCL 2020 में 1200 करोड़ रुपये के घाटे में रहा है।