रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना के तहत असाध्य रोगियों (Malignant patients) को मिलने वाली चिकित्सा सहायता अनुदान की राशि पांच लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी है।
इसके अलावा पूर्व से स्वीकृत असाध्य रोगों की सूची में अन्य असाध्य रोगों को सूचीबद्ध करने से सम्बन्धित प्रस्ताव पर बुधवार को स्वीकृति दी है।
जरूरतमंदों को मिलेगी मदद
रांची: कैंसर, किडनी, लीवर आदि गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीजों के उपचार पर राज्य सरकार 10 लाख तक खर्च करेगी।
स्वास्थ्य विभाग ने मुख्यमंत्री असाध्य रोग उपचार योजना के तहत चिकित्सा सहायता अनुदान की राशि 5 लाख रूपये को बढ़ाकर 10 लाख रुपए करने एवं पूर्व से स्वीकृत असाध्य रोगों की सूची में अन्य असाध्य रोगों को सूचीबद्ध करने का प्रस्ताव दिया था, जिसपर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से स्वीकृति प्रदान कर दी है। योजना के तहत आठ लाख से कम आमदनीवाले राज्य के मरीजों को इसका लाभ मिलेगा।
इस योजना में एसिड अटैक से पीड़ित लोगों को सहायता देने के लिए आय की सीमा निर्धारित नहीं है। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि अब सभी जरुरतमंदों को असाध्य रोग के इलाज में काफी मदद मिलेगी। अब झारखंड के भाइयों को पैसे के कारण इलाज से वंचित नहीं रहना पड़ेगा।
उनके पास कई लोग आकर आग्रह करते थे कि इस सहयोग राशि को मानवीय दृष्टिकोण के तहत बढ़ाना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का आभार व्यक्त किया है।
जानें कैसे मिलेगा लाभ
राज्य के मरीजों को मुख्यमंत्री असाध्य रोग उपचार योजना का लाभ प्रदान करने के लिए जिले में सिविल सर्जन की अध्यक्षता में एक कमेटी होती है। कमेटी में मरीजों की सहायता के लिए आवेदन देना होगा।
योजना का लाभ लेने के लिए अंचलाधिकारी द्वारा निर्गत आय प्रमाण पत्र भी देना होगा। सीजीएचएस दर पर उपचार के लिए योजना के तहत देश में सूचीबद्ध अस्पताल से इलाज के खर्च का कोटेशन लेकर उसे कमेटी में आवेदन के साथ ही देना होगा। जिसपर विचार विमर्श के बाद राशि की स्वीकृति दी जा सकेगी। सिविल सर्जन के माध्यम से इलाज का खर्च संबंधित अस्पताल को आरटीजीएस या ड्राफ्ट के माध्यम से भेजा जायेगा।