गुमला: सहारा इंडिया (Sahara India) के जोनल चीफ सतीश चंद्र सिंह बुधवार को बिशुनपुर पहुंचे।
मौके पर सहारा इंडिया परिवार बिशुनपुर ब्रांच के कार्यकर्ताओं द्वारा उनका भव्य स्वागत किया गया।
उन्होंने बिशुनपुर ब्रांच के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि बिशुनपुर परिक्षेत्र में ब्रांच खुलने के कारण इस क्षेत्र के सम्मानित जमा कर्ताओं को सहारा इंडिया में पैसा जमा करने और सहारा इंडिया से पैसा निकालने में बहुत ही आसानी हो रही होगी ।
उन्होंने कहा कि सहारा इंडिया को लेकर जो भय भ्रांति सोशल मीडिया के माध्यम से फैलाई जा रही है, जिससे बिल्कुल भी परेशान होने की आवश्यकता नहीं है।
सहारा इंडिया भुगतान करने के लिए कटिबद्ध
क्योंकि सहारा की देनदारी का तीन गुना प्रॉपर्टी सहारा इंडिया के पास है। इसलिए सहारा में जितने भी पैसा जमा करता हैं, उनका पैसा पूरी तरह सहारा इंडिया परिवार के पास सुरक्षित है।
सहारा इंडिया उसे भुगतान करने के लिए कटिबद्ध है।
साथ ही बिशुनपुर ब्रांच में एनआईडी मनाया गया। इसमें सभी प्रतिभागियों को जोनल चीफ के हाथों सम्मानित किया गया।
इसमें बिशुनपुर क्षेत्र से लगभग 50 महिला एवं पुरुष कार्यकर्ता को सम्मानित किया गया।
सरकार ने संसद में दिया अहम बयान
सहारा इंडिया की योजनाओं में लाखों निवेशकों के करोड़ों रुपये सालों से फंसे हुए हैं। हालांकि अभी तक सहारा इंडिया के निवेशकों को सेबी ने मूलधन और ब्याज समेत 138.07 करोड़ रुपये ही लौटाए हैं। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने 14 मार्च को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SIRECL) ने 232.85 लाख निवेशकों से 19400.87 करोड़ रुपये और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (SHICL) ने 75.14 लाख निवेशकों से 6380.50 करोड़ रुपये कलेक्ट किए हैं।
चौधरी ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 31.08.2012 के आदेश और उसके बाद के आदेशों के अनुसार, SIRECL और SHICL ने सामूहिक रूप से निवेशकों से एकत्र की गई 25,781.37 करोड़ की मूल राशि के मुकाबले 31 दिसंबर, 2021 तक ‘सेबी-सहारा रिफंड’ खाते में 15,503.69 करोड़ रुपये जमा किए हैं।
संसद में सरकार का बयान
संसद में सरकार ने कहा, “सेबी को 81.70 करोड़ रुपये की कुल मूल राशि के लिए 53,642 ओरिजिनल बॉन्ड सर्टिफिकेट / पास बुक से जुड़े कुल 19,644 आवेदन प्राप्त हुए हैं। सेबी ने 138.07 करोड़ रुपये (यानी मूलधन के रूप में 70.09 करोड़ रुपये और ब्याज के रूप में 67.98 करोड़ रुपये) की कुल राशि 48,326 ओरिजिनल बॉन्ड सर्टिफिकेट / पासबुक वाले 17,526 एलिजिबल बॉन्डहोल्डर्स को रिफंड किया है।”
सरकार ने आगे बताया, “शेष आवेदन या तो SIRECL और SHICL द्वारा प्रदान किए गए दस्तावेजों / डेटा में उनका रिकॉर्ड ट्रेस नहीं हो पाने के कारण या सेबी द्वारा आगे किए गए प्रश्नों के संबंध में बांडहोल्डर्स से कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं होने के कारण क्लोज़ कर दिए गए थे।”
लोकसभा में चौधरी के बयान के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों और सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त जस्टिस (Retd) बी एन अग्रवाल द्वारा दी गई सलाह के आधार पर सेबी ने रिफंड किया है। सेबी ने 21.10.2021 को एक इंटरलोक्यूटरी एप्लिकेशन भी दायर की है, जिसमें मामले में सुप्रीम कोर्ट से और निर्देश मांगे गए हैं।
सहारा इंडिया के निवेशकों को कब मिलेगा अपना पैसा?
- निवेशकों को उनका पैसा कब वापस मिलेगा, इस सवाल के जवाब में वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री भागवत कराड ने कहा कि सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SIRECL) और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SHICL) नाम की दो विशेष सहारा कंपनियों से संबंधित आदेश जारी किए हैं।
- माननीय सुप्रीम कोर्ट के दिनांक 31.08.2012 के आदेश के अनुसार, अन्य बातों के साथ-साथ, सेबी को दो कंपनियों SIRECL और/या SHICL द्वारा जारी ऑप्शनली फुली कनवर्टिबल डिबेंचर (OFCD) में निवेश किए गए धन को सत्यापन के बाद वापस करने का निर्देश दिया गया था।
- सुप्रीम कोर्ट के 31.08.2012 के आदेश और उसके बाद के आदेशों के अनुसार, SIRECL और SHICL ने कुल 15,503.69 करोड़ रुपये ‘सेबी-सहारा रिफंड’ खाते में जमा किए हैं। (31.12.2021 तक)
- सुप्रीम कोर्ट द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों और उसके द्वारा नियुक्त जस्टिस (Retd) बीएन अग्रवाल द्वारा दी गई सलाह के संदर्भ में सेबी ने 28.05.2013 को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की और अगस्त-सितंबर 2014 और दिसंबर 2014 के दौरान समाचार पत्रों में विज्ञापन जारी किए। सेबी ने 26.03.2018 और 19.06.2018 को भी समाचार पत्रों में विज्ञापन जारी किया।
- सेबी को कुल 81.70 करोड़ रुपये की मूलधन राशि के लिए 53,642 ओरिजिनल बॉन्ड सर्टिफिकेट / पास बुक से जुड़े कुल 19,644 आवेदन प्राप्त हुए। सत्यापन योग्य दस्तावेजों के आधार पर और कट-ऑफ डेट को ध्यान में रखते हुए सेबी ने कुल 138.07 करोड़ रुपये (यानी 70.09 करोड़ रुपये मूलधन के रूप में और 67.98 करोड़ रुपये ब्याज के रूप में) NEFT/RTGS के माध्यम से ट्रांसफर किए। (संबंधित अकाउंट नंबर और IFSC कोड के ज़रिए)
- सेबी ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में कुल 22 स्टेटस रिपोर्ट दायर की है। इसके साथ ही, उसने सुप्रीम कोर्ट से आगे के निर्देशों की मांग करते हुए 21.10.2021 को एक इंटरलोक्यूटरी एप्लीकेशन भी दायर किया गया है।