झारखंड

झारखंड में यहां अंगूठा लगाने से गुरुजी को लग रहा डर, कोरोना संक्रमण को लेकर दहशत

एक ही स्कैनर का करना पड़ता है इस्तेमाल

हजारीबाग: झारखंड के प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को बायोमीट्रिक हाजिरी बनाने में कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा सता रहा है।

इस संबंध में झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को पत्र लिखा है।

संघ के जिला अध्यक्ष मो. अतिकुज्जमा ने पत्र के माध्यम से कोरोना काल में शिक्षकों को बॉयोमीट्रिक हाजिरी बनाने से मुक्त करने की मांग की है।

मानसिक तनाव में परिवार

संघ का कहना है कि कोविड-19 का खतरा अभी टला नहीं है। तीसरी लहर आने की आशंका बनी हुई है।

गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग झारखंड की कोविड गाइडलाइन के अनुसार, मैनुअल हाजिरी बनाना है।

ऐसे में विभागीय आदेश में बॉयोमीट्रिक हाजिरी बनाने का निर्देश शिक्षकों को दिया गया है।

इस कारण प्राइमरी टीचर्स के साथ उनके परिजन भी मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं।

एक ही स्कैनर का करना पड़ता है इस्तेमाल

शिक्षकों द्वारा ऑनलाईन उपस्थिति दर्ज करने के लिए स्कूल में एक ही स्कैनर का प्रयोग करना पड़ रहा है।

इससे व्यक्तिगत व सामूहिक रूप से कोविड संक्रमण बढ़ने की आशंका है। इससे शिक्षक व उनके परिवार को मानसिक तनाव बढ़ गया है।

जिला अध्यक्ष ने बताया कि अन्य विभागों के कार्यालयाें में बॉयोमीट्रिक हाजिरी बनाने पर रोक है।

ऐसे में बॉयोमीट्रिक हाजिरी से शिक्षकों को भी छूट देनी चाहिए, ताकि कोविड के खतरे से बचा जा सके।

कोरोना काल में मैनुअल हाजिरी बनाते हुए शिक्षक अपने दायित्यों का निर्वहन करते आ रहे थे।

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