रांची: झारखंड उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को रूपेश पांडेय हत्याकांड की जांच अपने हाथ में लेने का आदेश दिया।
यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार द्विवेदी ने रूपेश की Maa उर्मिला देवी द्वारा दायर एक रिट याचिका पर पारित किया जिसमें हत्या की स्वतंत्र जांच कराए जाने का आग्रह किया गया था।
उर्मिला देवी ने अपनी याचिका में दलील दी कि हालांकि Police ने FIR दर्ज की है, लेकिन मामले की जांच की गति धीमी है।
उनके वकील ने अदालत को बताया कि Police मामले की धीमी गति से जांच कर रही है जिससे सबूत नष्ट होने और मामले के गवाह प्रभावित होने की आशंका है।
अपने माता-पिता की इकलौती संतान 17 वर्षीय पांडेय की छह फरवरी को सरस्वती मूर्ति विसर्जन के दौरान हत्या कर दी गई थी, जिससे क्षेत्र में व्यापक हिंसा हुई थी।
असलम भीड़ की अगुवाई कर रहा था
हजारीबाग पुलिस ने कहा था कि लड़के की पीट-पीटकर हत्या नहीं की गई थी, बल्कि वह एक संघर्ष में मारा गया जो एक पुरानी रंजिश का नतीजा था। Police ने कहा था कि घटना के पीछे कोई सांप्रदायिक कारण नहीं था।
रूपेश पांडेय की मौत (Death) की घटना से राज्य के राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई थी और देश भर में इसकी निंदा हुई थी।
असलम मियां नामक व्यक्ति और अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी। कहा जा रहा है कि असलम भीड़ की अगुवाई कर रहा था। पांडेय पर हमला करने वाली भीड़ में कथित रूप से महिलाएं भी शामिल थीं।