रांची: Jharkhand High Court के न्यायमूर्ति Dr. SN Pathak की कोर्ट में शनिवार को शिवचरण सिंह की मृत्यु के बाद अनुकंपा के आधार पर नौकरी पाने को लेकर विधवा लक्ष्मी सिंह की रिट याचिका (Writ Petition) पर फैसला सुनाया है।
कोर्ट ने प्रार्थी लक्ष्मी की याचिका को स्वीकृत करते हुए आठ सप्ताह में अनुकंपा के आधार पर नौकरी (Job) देने का निर्देश राज्य सरकार को दिया है।
कोर्ट ने लक्ष्मी को बहाल करने का दिया आदेश
कोर्ट ने कहा कि शिवचरण की मृत्यु के पहले उनकी नौकरी (Job) में पुन: बहाली हो चुकी थी लेकिन विभागीय अधिकारियों (Departmental Officers) के विलंब की वजह से विधिवत तरीके से उसकी बहाली करने का आदेश नहीं निकला था।
इसलिए जिस तिथि को शिवचरण की मृत्यु हुई थी, उस तिथि को वह नौकरी (Job) पर समझा जायेगा। कोर्ट ने मामले को निष्पादित करते हुए लक्ष्मी को बहाल करने का आदेश सरकार को दिया। प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता चंचल जैन ने पैरवी की।
दरअसल, राज्य सरकार ने विज्ञापन (Advertisement) संख्या 1/2015 के आधार पर 269 पदों के लिए विज्ञापन (Advertisement) निकाला था।
इसके आधार पर रसोइया, जलवाहक, नाई, स्वीपर के पद पर नियुक्ति हुई थी। शिवचरण की रसोइया पद पर नियुक्ति हुई थी। इसके दो माह बाद 23 जून, 2016 को राज्य सरकार ने नोटिफिकेशन निकालकर 269 लोगों की नियुक्ति को रद्द कर दिया था। इसके खिलाफ शिवचरण एवं अन्य लोगों ने High Court में याचिका दायर की थी।
High Court ने राज्य सरकार के उस आदेश जिससे उनकी नियुक्ति (Appointment) रद्द हुई थी, उसे निरस्त करते हुए हटाये गये सभी लोगों को फिर से नौकरी पर रखने का आदेश दिया था लेकिन संबंधित विभाग ने कोर्ट के इस आदेश का अनुपालन नहीं किया।
इसके बाद शिवचरण सहित अन्य प्रार्थियों ने हाई कोर्ट में अवमानना याचिका (Contempt Petition) दायर की, जिसके अदालत में लंबित रहने के दौरान 21 दिसंबर, 2020 को शिवचरण की मृत्यु हो गयी।
शिवचरण की विधवा ने अनुकंपा के आधार पर नौकरी के लिये दिया था आवेदन
बाद में सरकार ने 22 जनवरी, 2021 को एक नोटिफिकेशन (Notification) के द्वारा नौकरी से हटाये गये शिवचारण सहित सभी 269 लोगों को वापस नौकरी पर ले लिया।
इसके बाद शिवचरण की विधवा लक्ष्मी ने विभागीय अधिकारियों के पास अनुकंपा (Compassionate) के आधार पर नौकरी के लिये आवेदन दिया लेकिन उसके इस आवेदन को यह कहते हुए Reject कर दिया गया कि जिस तिथि को शिवचरण की मृत्यु हुई थी, उसे तिथि पर हटाये जाने के कारण वह नौकरी पर नहीं थे।
इसके बाद लक्ष्मी ने High Court में रिट याचिका (Writ Petition) दायर की थी। मामले में कोर्ट ने आठ जून को फैसला सुरक्षित रख लिया था।