रांची: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में सोमवार को गैरमजरूआ जमीन खरीद बिक्री मामले (Land Purchase Sale Case) की जांच कराने का आग्रह करने वाले शिव शंकर शर्मा की जनहित याचिका की सुनवाई हुई।
खंडपीठ ने मामले में रेवेन्यू सेक्रेटरी (Revenue Secretary) को प्रतिशपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया।
कोर्ट ने निर्देश दिया कि यदि सेक्रेटरी की ओर से प्रतिशपथ दाखिल नहीं होता है तो अगली सुनवाई में डिप्टी रजिस्ट्रार, रांची वैभव मणि त्रिपाठी (Vaibhav Mani Tripathi) को कोर्ट में सशरीर उपस्थित होना होगा।
प्रत्युत्तर देने का निर्देश
राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने पैरवी की। मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त को होगी।
कोर्ट ने मामले में प्रतिवादियों को चार सप्ताह में प्रतिशपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है। साथ ही प्रतिशपथ दाखिल होने के एक सप्ताह में याचिकाकर्ता को इसका प्रत्युत्तर (Response) देने का निर्देश दिया है।
नियम के अनुकूल कार्य हुए
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजीव कुमार ने कोर्ट से कहा कि मामले में वैभव मणि त्रिपाठी की ओर से शपथ पत्र दायर करना अनुचित है।
क्योंकि, वे हजारीबाग के जमीन घोटाला मामले (Land Scam Cases) में फंसे हैं। वैभव मणि त्रिपाठी की ओर से दायर शपथ पत्र में कहा गया है कि गैरमजरूआ जमीन खरीद बिक्री में मामले में किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। नियम के अनुकूल कार्य हुए हैं।