रांची: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में सोमवार को चांडिल डैम प्रोजेक्ट (Chandil Dam Project) के तत्कालीन एक्जीक्यूटिव इंजीनियर (Executive Engineer) सह जन सूचना पदाधिकारी (PIO) विश्वंभर चौबे की ओर से राज्य सूचना आयोग द्वारा जुर्माना लगाए जाने के खिलाफ दायर रिट याचिका (Petition) की सुनवाई हुई।
मामले में कोर्ट ने राज्य सूचना आयोग की दलील को सही मानते हुए प्रार्थी विश्वंभर चौबे को राहत नहीं दी।
कोर्ट ने विशंभर चौबे की याचिका को खारिज कर दिया। साथ ही राज्य सूचना आयोग द्वारा जुर्माना लगाए जाने के आदेश को सही ठहराया है।
आवेदक ने Tender से संबंधित 11 तरह की सूचना मांगी थी
आवेदक अरुण राय ने टेंडर (Tender) से संबंधित 11 तरह की सूचना मांगी थी, लेकिन निर्धारित समय सीमा यानी 30 दिन के भीतर जन सूचना पदाधिकारी विश्वंभर चौबे ने सूचना नहीं दी।
इसके बाद प्रथम अपील दायर की गई, लेकिन फिर भी सूचना नहीं दी गई, जिसके बाद राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील दायर की गई, तब राज्य सूचना आयोग ने जन सूचना पदाधिकारी विश्वंभर चौबे को अरुण राय को सूचना देने का निर्देश दिया।
साथ ही यह भी पूछा
साथ ही यह भी पूछा कि सूचना देने में इतना विलंब होने का क्या कारण रहा है। इसके बाद विश्वंभर चौबे ने सूचना तो दे दी, लेकिन सूचना देने में विलंब का कोई सटीक कारण नहीं बताया, जिसके बाद राज्य सूचना आयोग ने विश्वंभर चौबे पर 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था, यह राशि उनके वेतन से काटने का आदेश दिया था।
इसके बाद विश्वंभर चौबे ने रिट याचिका (Writ Petition) दायर कर राज्य सूचना आयोग के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।