रांची: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) ने शुक्रवार को सीमित उप समाहर्ता प्रतियोगिता परीक्षा (Limited Deputy Collector Competitive Examination) नियमावली को सही ठहराया है।
हाई कोर्ट ने अनुकंपा (Compassion) के आधार पर हुई नियुक्ति को भी नियमित नियुक्ति (Regular Appointments) मानने का निर्देश दिया है।
इसके अलावा तीन रिट याचिका (Writ Petition) को भी कोर्ट ने स्वीकृत किया और इन्हें सीमित उप समाहर्ता प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल होने के लिए योग्य माना है।
सभी पक्ष रख सकते हैं अपना लिखित पक्ष
सीमित उप समाहर्ता प्रतियोगिता परीक्षा के लिए बनाए गए नियमों को चुनौती देने वाली याचिका पर हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने मामले में 13 सितंबर को दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
खंडपीठ ने कहा था कि सभी पक्ष चाहे तो अपना लिखित पक्ष रख सकते हैं। इस संबंध में चंदन कुमार समेत अन्य की ओर से याचिका दाखिल की गई थी।
जिनकी झारखंड में पांच साल की सेवा होगी वही हो पाएंगे सीमित प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल
अदालत को बताया गया है कि वर्ष 2015 में राज्य सरकार ने प्रशासनिक नियुक्ति नियमावली बनाई थी, इसमें कहा गया है कि जिनकी झारखंड में पांच साल की सेवा होगी वही सीमित प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल हो पाएंगे।
ऐसा होने से कई कर्मचारी इस परीक्षा से वंचित हो गए हैं। JPSC की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल और प्रिंस कुमार सिंह ने अदालत को बताया था कि सरकार की अधियाचन (Requisition) और नई नियमावली (New Rules) के तहत ही नियुक्ति प्रक्रिया की गई है।