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झारखंड विधानसभा : बांग्लादेशी घुसपैठियों के मुद्दे पर उलझ गए अनंत ओझा, दीपिका और प्रदीप

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रांची: झारखंड विधानसभा (Jharkhand Assembly) के शीतकालीन सत्र (Winter Session) के पांचवें और अंतिम दिन शुक्रवार को गैर सरकारी संकल्प के माध्यम से BJP विधायक अनंत ओझा ने बांग्लादेशी घुसपैठिये का मामला उठाया।

इस मामले पर सदन में विधायक अनंत ओझा (MLA Anant Ojha), कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह और प्रदीप यादव उलझ गए।

विधायक दीपिका पांडेय सिंह (MLA Deepika Pandey Singh) और प्रदीप यादव ने कहा कि गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे (Godda MP Nishikant Dubey) और विधायक अनंत ओझा पर बांग्लादेशी मैनिया छाया हुआ है।

इनके सांसद दिल्ली में हायतौबा मचाते हैं और ये रांची में। साफ कहा कि राजनीति से प्रेरित होकर इस तरह के विषय सदन में लाये जाते हैं।

विधायक अनंत ओझा ने कहा कि…

विधायक अनंत ओझा ने कहा कि यह समझ में नहीं आता कि जब भी बांग्लादेशी घुसपैठियों का नाम आता है तो कांग्रेस (Congress) के लोगों को मिर्ची क्यों लगने लगती है।

उन्होंने कहा कि असम में 1982 में कांग्रेस की सरकार ने IMBT एक्ट लाया था। आखिर उन्हें ऐसा क्यों करना पड़ा। उन्होंने कहा कि संथालपरगना में साहेबगंज, पाकुड़, गोड्डा, दुमका तथा जामताड़ा जिला (Jamtara District) में बांग्लादेशी घुसपैठ के कारण यहां के डेमोग्राफी में अमूल चूक परिवर्तन हुए हैं, जिससे इन क्षेत्रों जन सांख्यिकी असंतुलन की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है।

उन्होंने सरकार से राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्ट्रार (National Registrar of Citizenship) तैयार करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि संथाल में आदिवासी और हिन्दू की संख्या घट रही है।

आलमगीर आलम: घुसपैठियों के रोकथाम के लिए राज्य सरकार सक्षम

जवाब में संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम (Parliamentary Affairs Minister Alamgir Alam) ने कहा कि घुसपैठियों के रोकथाम के लिए राज्य सरकार सक्षम है।

कहीं इस तरह की घटना होती है तो सरकार संज्ञान में लेती है। उन्होंने कहा कि संथाल का एक भी जिला बांग्लादेश (Bangladesh) से नहीं जुड़ता है।

विधायक अनंत ओझा (MLA Anant Ojha) का गैर सरकारी संकल्प वोटिंग से गिरा। स्पीकर लगातार अनंत ओझा से गैर सरकारी संकल्प वापस लेने का आग्रह किया लेकिन वह वापस लेने के लिए तैयार नहीं हुए।

अंत में स्पीकर (Speaker) ने इस गैर सरकारी संकल्प पर सदन में वोटिंग कराया। अनंत ओझा का प्रस्ताव खारिज हुआ।

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