मेदिनीनगर: उपायुक्त शशि रंजन ने बुधवार को धान खरीद मामले की समीक्षा की। इस दौरान बताया गया कि जिले में 8 लाख 50 हजार लक्ष्य के विरुद्ध 6 लाख 78 हजार क्विंटल धान की अधिप्राप्ति की गयी है, जो लक्ष्य का 80 प्रतिशत है।
प्राप्त किये गये धान में से एक लाख 68 हजार क्विंटल धान का उठाव करा दिया गया है। वर्तमान में 13 राइस मिलर्स के माध्यम से प्राप्त किये गये धान की मिलिंग कराई जा रही है।
मिलरों द्वारा भारतीय खाद निगम को सीएमआर उपलब्ध कराया जाता है। राइस मिलरों ने फरवरी तक 114 लॉट, मार्च में 285 लॉट और अप्रैल में 87 लॉट एडवांस सीएमआर दिया गया है।
इससे ग्रामीण किसानों को नुकसान होगा
बैठक में राइस मिलरों ने कहा कि भारतीय खाद निगम चावल प्राप्त करने में कठिनाई उत्पन्न कर रहा है। बड़ी संख्या में सीएमआर लॉट को रिजेक्ट किया जा रहा है।
राइस मिलरों ने उपायुक्त को बताया कि सीएमआर लोडेड ट्रक को बेवजह 8 से 10 दिनों खड़ा कर दिया जा रहा है। इसके बाद लॉट को रिजेक्ट कर दिया जा रहा है, जिसके कारण उन्हें काफी बड़ी राशि का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
इस पर उपायुक्त ने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इस वर्ष काफी बड़ी मात्रा में धान की खरीदारी की गयी है। भारतीय खाद निगम के असहयोग के कारण धान समय पर उठाव नहीं कराया जा रहा है।
इससे ग्रामीण किसानों को नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय खाद निगम जिस रफ्तार से धान प्राप्त कर रही है उसके मुताबिक तो धान की अधिप्राप्ति में एक वर्ष लग जायेगा। उन्होंने भारतीय खाद निगम के अधिकारियों को इस कार्य में तेजी लाने की बात कही।