मेदिनीनगर, (पलामू): राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, भारत सरकार के उपाध्यक्ष Arun Halder ने शनिवार को पांडू प्रखंड के मुरूमातु गांव स्थित विवादित स्थल का दौरा किया व पीड़ित परिवारों से मिलकर उनका हाल जाना।
परिसदन भवन में प्रशासनिक पदाधिकारियों के साथ की बैठक
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, (National Commission for Scheduled Castes) भारत सरकार के उपाध्यक्ष अरूण हलधर ने पलामू जिले के पांडू प्रखंड के मुरूमातु गांव स्थित स्थल का भ्रमण किया। उनके साथ अनुसंधान पदाधिकारी सुनील कुमार सिंह भी मौजूद थे।
आयोग के उपाध्यक्ष एवं अन्य ने उक्त गांव के उस स्थल का भ्रमण किया जहां स्थानीय ग्रामीणों द्वारा कुछ परिवारों को विस्थापित किए जाने का मामला प्रकाश में आया है।
आयोग के उपाध्यक्ष ने पीड़ित परिवारों से मिलकर उनका हाल जाना और उनकी समस्याओं से अवगत हुए। भ्रमण के पश्चात आयोग (Post commission) के उपाध्यक्ष ने स्थानीय परिसदन भवन में अधिकारियों के साथ बैठक कर मुरुमातु की परिस्थितियों से अवगत हुए।
उन्होंने प्रशासन के द्वारा इस संबंध में अबतक की गई कार्रवाई की जानकारी ली, साथ ही अनुसूचित जाति के अधिकारों के संरक्षण के संबंध में आवश्यक निदेश दिए।
आयोग उपाध्यक्ष ने परिवारों को आधार कार्ड, राशन कार्ड बनवाने सहित उनके तात्कालिक आवासन (Temporary accommodation) की व्यवस्था करते हुए खाद्यान्न उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
भ्रमण के दौरान ये पदाधिकारी भी थे मौजूद
मुरूमातु गांव भ्रमण के दौरान एवं बैठक में आयोग के उपाध्यक्ष अरूण हलधर के अलावा अनुसंधान पदाधिकारी सुनील कुमार सिंह, पलामू डीआईजी राजकुमार लकड़ा, उपायुक्त आंजनेयुलू दोड्डे, पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा, अपर समाहर्ता सुरजीत कुमार सिंह, जिला कल्याण पदाधिकारी सेवाराम साहू (Sevaram sahu) आदि पदाधिकारी उपस्थित थे।
क्यों चर्चा में है पलामू का मुरुमातु गांव
झारखंड राज्य के पलामू जिले के पांडू थाना अंतर्गत मुरुमातु गांव में महादलितों के 50 घरों को पिछले दिनों दबंगों द्वारा ध्वस्त करने के कारण इस गांव का नाम इन दिनों चर्चा में है।
इस घटना के बाद जहां लगभग हर दिन जिले के आला अधिकारी गांव का दौरा कर रहे हैं और विस्थापित लोगों को थाना में शरण दिया गया है, वहीं BJP and RJD के नेताओं ने पीड़ित परिवारों को अर्थिक मदद भी की है।
मामले के नामदग तीन आरोपी हो चुके हैं गिरफ्तार
गौरतलब है कि मुरुमातु में महादलित मुहसर जाति के कई लोगों के साथ मारपीट करने, उन्हें जबरन खदेड़ने और उनके मकान ध्वस्त करने के मामले में पुलिस ने अबतक नामजद 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
गिरफ्तारी के बाद आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भी भेज दिया गया है। जिन आरोपियों को जेल भेजा गया है, उनमें एक पंचायत प्रतिनिधि इसरार अंसारी, मुस्लिम समाज के सदर मुमताज अंसारी और सेवानिवृत्त स्वास्थ्यकर्मी रसूल अंसारी के नाम शामिल हैं।
मामले को सांप्रदायिक रंग देने की भी हुई थी कोशिश, डीसी ने किया इनकार
जिले के उपायुक्त ए दोड्डे ने भी घटना के बाद तत्काल गांव का दौरा किया व विस्थापित लोगों से मिलकर पूरे मामले की जानकारी ली। इसके बाद उनकी तरफ से कहा गया है कि मामला भूमि विवाद को लेकर है।
उन्होंने कहा कि दलित परिवार के पास कोई दस्तावेज नहीं हैं और इन्हें अलग जगह पर सरकारी योजनाओं के तहत आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में पहल होगी।
उपायुक्त ने मीडिया को बताया कि मुस्लिम समुदाय ने कुछ कागजात प्रशासन को उपलब्ध कराए हैं, जिनके परीक्षण के बाद ही तय होगा कि जमीन की प्रकृति क्या है। एक सवाल के जवाब में DC ने बताया कि यह किसी भी नजरिये से कहीं से भी सांप्रदायिक मामला नहीं है।
ध्वस्त कर दिए गए थे महादलितों के 50 से अधिक घर
गौरतलब है कि, पलामू जिले के पांडु थानान्तर्गत मुरुमातु गांव के नजदीक टोंगरी पहाड़ी पर बसे मुसहर जाति के 50 से अधिक परिवारों को गांव के ही मुस्लिम युवकों ने सोमवार (29 अगस्त) को कथित तौर पर मारपीट कर भगा दिया था और उनके मकानों को ध्वस्त कर दिया था।
इस मामले में पांडू पुलिस ने एक दर्जन नामजद और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
इनमें से कई लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। मामले को लेकर जिला प्रशासन (District administration) काफी सजग है ताकि जल्द से जल्द जनहित से जुड़े इस संवेदनशील मामले का सर्वसुलभ हल निकाला जा सके और समाज के वंचित लोगों को न्याय व उनके रहने के लिए छत मिल सके।