रांची: यदि रांची पुलिस पशु तस्करों (Animal Smugglers) के खिलाफ पहले से ही सक्रिय व चौकन्ना रहती तो बुधवार के अहले सुबह जो इतनी बड़ी और दुखदायी घटी, वह घटना नहीं घटती।
और न ही एक निर्दोष, ईमानदार व अपनी ड्यूटी के प्रति वफादार महिला पुलिस अधिकारी (SI) की जान जाती।
आज जिसने भी यह खबर सुनी कि यह महज एक हादसा नहीं था, बल्कि पशु तस्करों द्वारा जानबूझ कर की गई एक हत्या है, तो हर व्यक्ति के मन में यही सवाल उठा कि आखिर इन अवैध धंधेबाजों (Illegal Traders) की इतनी हिम्मत कैसे हो गई? और तो और इस घटना को प्रदेश की राजधानी में अंजाम दिया गया।
काबिलेगौर है कि इस मामले को NEWS AROMA इस मामले को प्रमुखता से उठाता रहा है। जून के महीने में इससे संबंधित न्यूज रिपोर्ट में पशु तस्करों की तमाम गतिविधियों, उनके रूट की जानकारी के अलावा बजाप्ता जिस गाड़ी से पशु तस्करी की जाती है उसका नंबर तक दिया गया था।
इसमें साफ तौर पर कहा गया था कि रांची-टाटा रोड पर बेखौफ गोवंश की तस्करी (Fearless Cattle Smuggling) जारी रहने की वजह से रांच पुलिस की कार्यशैली पर लगातार सवाल उठ रहे हैं।
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न्यूज रिपोर्ट में दी गई थी पशु तस्करों के संबंध में पुख्ता सूचना
इस न्यूज रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया था कि पुलिस को पुख्ता सूचना दिए जाने के बावजूद रांची जिले के पांच थाने क्षेत्रों में बेरोकटोक व बेखौफ होकर गोवंश की तस्करी की जा रही है।
मगर इस मामले में पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। साथ ही यह सवाल उठाया गया था कि आखिर किसके संरक्षण में यह अवैध धंधा चल रहा है।
कई लोगों ने गाड़ी के नंबर समेत सीएम, डीजीपी व रांची पुलिस को किया था ट्वीट
न्यूज रिपोर्ट (News Report) के प्रकाश में आने के बाद कई लोगों मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, डीजीपी व रांची पुलिस को भी ट्वीट कर इस मामले में रांची पुरिस के कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए थे।
हम इसकी एक बानगी यहां प्रस्तुत कर रहे हैं, जिससे आपको इस मामले की गंभीरता का पता आसानी से चल सकेगा।
ट्वीट करने वाले लोगों में शामिल श्रीकांत सिंह राजपूत ने 19 जून, 2022 को मुख्यमंत्री को ट्वीट कर लिखा था, महोदय, मवेशियों की खुलेआम तस्करी (Open Smuggling) से सवाल उठ रहा है कि आखिर पुलिसकर्मियों से ऐसी क्या साठगांठ है कि एक ही पिकअप (JH10 EE 6183) हर दिन पांच से छह ट्रिप तस्करी कर रहा है।
बुंडू डीएसपी, बुंडू, तमाड़, दशम फ़ॉल, नामकुम और लोअर बाजार थाना को सूचना रहते हुए भी कार्रवाई नहीं की जा रही है।
न्यूज रिपोर्ट में रूट की भी दी गई थी जानकारी
न्यूज रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख किया गया था कि तस्कर तमाड़ थाना क्षेत्र के रानी बाजार से मवेशियों को उठाता है। वहां से बुंडू, दशम फ़ॉल और नामकुम थाना क्षेत्र को पार करते हुए लोअर बाजार थाना क्षेत्र के कांटाटोली चौक पहुंचते हैं।
वहां से गाड़ी से लाए गए मवेशियों को अवैध वधशालाओं (Illegal Slaughterhouses) में सप्लाई की जा रही है। पशु तस्कर बेखौफ होकर इस वाहन से मवेशियों को ठूंस-ठूंस कर ढुलाई कर रहे हैं। दूसरी तरफ पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है व मूकदर्शक बनी हुई है।
यह सब पढ़ने के बाद आप इस बात को अच्छी तरह से समझ गए होंगे कि जो घटना आज घटी उसकी नौबत नहीं आती, यदि रांची पुलिस को जो जानकारी NEWS AROMA ने उपलब्ध कराई थी, उस पर गंभीरता से ध्यान देती।
इसके साथ यह सवाल उठता है कि जब मुख्यमंत्री समेत राज्य के पुलिस के आला अधिकारियों तक को इस बात की जानकारी थी तो उन्होंने पशु तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई क्यों नहीं की? इसके साथ ही यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर एएसआई संध्या टोपनो (ASI Sandhya Topno) की हत्या का जिम्मेवार कौन है?