रामगढ़: रामगढ़ जिले में कोविड-19 सुरक्षा एवं सर्वेक्षण कार्य काफी तेजी से चल रहा है। डीसी संदीप सिंह ने शुक्रवार को बताया कि अभी तक जिले में 2 लाख 22 हजार 578 लोगों का सर्वे किया जा चुका है।
5 जून तक कोविड ग्रामीण सुरक्षा एवं सर्वेक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है।
जिला कार्यक्रम समन्वयक रंजीत कुमार सिंह द्वारा पतरातू प्रखंड का दौरा कर विभिन्न पंचायतों में किए जा रहे सर्वे कार्य का जायजा लिया गया।
मौके पर उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों को दिशा निर्देशों का पालन करते हुए सर्वे करने तथा संदिग्ध लोगों की कोरोना जांच करने के संबंध में महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए।
25 मई से शुरू हुए कोविड ग्रामीण सुरक्षा एवं सर्वेक्षण कार्यक्रम के तहत अब तक जिले के 359 पंचायतों में स्थित 44639 घरों में रह रहे 222578 लोगों का सर्वे किया जा चुका है।
जिनमें 1185 संदिग्ध लोगों का कोरोना जांच करते हुए उन्हें चिकित्सा परामर्श तथा मेडिकल के उपलब्ध कराने का कार्य किया गया है।
रामगढ़ जिले के सभी पंचायतों में आंगनबाड़ी सेविकाओं स्वास्थ्य सहियाओं, स्वयं सहायता समूह की दीदियों, ए एन एम, सीएचओ, बीटीटी, एमपीडब्ल्यू की दीदियों को प्रत्येक पंचायत स्तर पर दो दलों में विभाजित किया गया है।
जिनमें “जांच दल” में शामिल एएनएम, सीएचओ, बिटीटी के साथ एमपीडब्ल्यू की दीदियों को रैपिड एंटीजन के माध्यम से कोरोना जांच करने हेतु प्रतिनियुक्त किया गया है।
सर्वे दल में शामिल लोग संभावित कोरोना संक्रमितों की पहचान कर रहे हैं। जिसके लिए आंगनबाड़ी सेविकाओं, स्वास्थ्य सहीयाओं एवं स्वयं सहायता समूह की सक्रिय दीदियों से कार्य लिया जा रहा है।
पहले चरण में सर्वे दल की महिलाएं प्रत्येक गांव एवं प्रत्येक घर में जाकर डोर टू डोर सर्वे एवं थर्मल स्कैनर के माध्यम से लोगों के तापमान की जांच करने का कार्य कर रही है।
अगर किसी व्यक्ति का तापमान सामान्य से ज्यादा पाए जाने, घर में पिछले 1 महीने में किसी की मृत्यु होने, किसी प्रवासी के पाए जाने पर उन्हें संदिग्ध की कैटेगरी में शामिल किया जा रहा है।
तत्पश्चात उनकी सारी जानकारी ऐप या पोर्टल के माध्यम से अपलोड कर जांच दल तक पहुंचाई जा रही है। साथ ही सर्वे दल द्वारा सूचित संदिग्ध लोगों को कोविड जांच के लिए प्रेरित करते हुए जांच केंद्र तक पहुंचाया भी जा रहा है।
दूसरे चरण में जांच दल द्वारा सभी संदिग्ध लोगों की रैपिड एंटीजन किट के माध्यम से कोरोना जांच की जा रही है।
जांच के क्रम में पॉजिटिव पाए गए मरीजों को लक्षणों के आधार पर होम आइसोलेशन, प्रखंड कोविड केयर सेंटर या जिला कोविड अस्पताल में उचित इलाज के लिए भर्ती कराया जा रहा है।
होम आइसोलेटेड मरीजों को निशुल्क मेडिकल किट उपलब्ध कराया जा रहा है। जिसमें कोरोना मरीजों के इलाज हेतु सभी आवश्यक दवाइयां उपलब्ध है।
गांव में बने प्रत्येक जांच केंद्र पर एंबुलेंस की भी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट आने के उपरांत सभी व्यक्तियों को कोरोना से बचाव हेतु जारी दिशा-निर्देशों की जानकारी दी जा रही है।
इस कार्य के लिए सर्वे दल तथा जांच दल की सभी महिलाओं को सुरक्षा उपकरण भी उपलब्ध कराए गए हैं।