नई दिल्ली: राज्यसभा ने बुधवार को झारखंड की भोगता जाति को अनुसूचित जाति से बाहर करने और कुछ अन्य जातियों को अनूसूचित जनजाति में शामिल करने से जुड़े विधेयक को पारित कर दिया।
संविधान (अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक 2022 को आज ध्वनिमत से पारित किया गया। इसे 7 फरवरी को सदन में पेश किया गया था।
जनजाति मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि अन्य राज्यों के लिए भी सरकार ऐसे ही विधेयक लाएगी।
विधेयक झारखंड की अनुसूचित जनजाति सूची में देश्वरी, गंझू, दौतलबंदी (द्वालबंदी), पटबंदी, राउत, मझिया, खैरी (खीरी), तामरिया (तमाड़िया) और पूरन समुदायों को अनुसूचित जनजाति में शामिल है। वहीं भोगता जाति को भी अब राज्य की अनुसूचित जातियों की सूची में शामिल किया जा रहा है।