रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में जनजातीय सलाहकार परिषद (टीएससी) की वर्चुअल बैठक में टीएससी के सदस्य विधायक बंधु तिर्की भी शामिल हुए।
तिर्की ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा गठित टीएससी की 22वीं बैठक 03 अगस्त, 2018 को संपन्न हुई थी, जिसकी कार्यवाही की संपुष्टि बगैर समीक्षा के नहीं किया जाय।
तिर्की ने कहा कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट में थाना की बाध्यता खत्म होनी चाहिए, नहीं तो अपने ही राज्य में आदिवासी यहां प्रवासी बन कर रह रहा है।
उसे हर हाल में शहरों में घर बनाने के लिए जमीन की सुविधा मिलनी चाहिए।
वन क्षेत्र में भूमि पट्टा को लेकर अब भी भ्रम की स्थिति है। मांझी परगनैत और इलेक्टेड मुखिया के बीच पावर को लेकर टकराव हो रहा है।
उन्होंने कहा कि वन पट्टा में लोचा के कारण जरूरतमंद को पट्टा नहीं मिल पा रहा है।
तमाम बैठकों और आदेशों-निर्देशों के बावजूद आज तक आदिवासी छात्र-छात्राओं बैंकों से एजुकेशन लोन नहीं मिल पा रहा है। हायर एजुकेशन में दिक्कत हो रही है।
तिर्की ने कहा कि स्थानीयता को परिभाषित किये बगैर नियुक्ति का विज्ञापन निकालने से मामला विवादास्पद हो जायेगा। जल्द से जल्द स्थानीयता को परिभाषित किया जाये।