रांची : स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता (Banna Gupta) RIMS में उपचाराधीन पद्मश्री जल पुरुष Simon Oraon से रविवार को मिलने पहुंचे।
इस दौरान उनसे मिलकर उनका हाल-चाल लिया व चिकित्सकों से उनका बेहतर उपचार करने को कहा। इसी क्रम में वे रिम्स में मरीजों से अस्पताल में मिलने वाली सुविधाओं की भी जानकारी ली।
तभी उनकी नजर मरीजों को दी जाने वाली गंदी बेडशीट की ओर पड़ी जिसे देखकर वे बिफर पड़े। मरीज को गंदी चादर देने से नाराज गुप्ता ने लॉन्ड्री काम देखने वाली एजेंसी को Show Cause करने का निर्देश दिया।
उन्होंने रिम्स अधीक्षक Dr Hirendra Birua को बेडशीट देकर जांच कराने को कहा। स्वास्थ मंत्री ने कहा, चादर धुलने के बाद भी पीली क्यों है? ऐसे में मरीज गंदी बेडशीट पर खुद को असहज महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सा अधीक्षक से पिछले 6 माह की रिपोर्ट मांगी गई है।
संबंधित एजेंसी से धुलाई की छह माह की रिपोर्ट मांगी जाएगी : अधीक्षक
अधीक्षक ने बताया कि लॉन्ड्री के काम में लगी एजेंसी मेडी लैब से धुलाई की छह माह की रिपोर्ट मांगी जाएगी। बता दें कि पिछले दिनों मेडी लैब ने केमिकल नहीं मिलने की शिकायत की थी।
इसके बाद रिम्स ने केमिकल उपलब्ध कराया था। रिम्स में मरीजों को दी जाने वाली चादर के दाग हाइपो केमिकल व सर्फ से छुड़ाए जाते हैं।
कई बार लॉन्ड्री के लोगों ने बताया है कि पर्याप्त मात्रा में केमिकल न मिलने से चादर सही से साफ नहीं हो पाती।
हालांकि रिम्स प्रबंधन (Management) कमी होने पर केमिकल उपलब्ध कराने की बात कह रहा है। बावजूद इसके खून के धब्बे लगी चादर पर रिम्स में मरीज मिल जाएंगे।
लॉन्ड्री के कर्मी ने कहा, यहां रोज 2200 से ज्यादा कपड़े धोए जाते हैं, लेकिन केमिकल के अभाव में कपड़ों को साफ करना मुश्किल है।
कर्मी ने कहा, रिम्स प्रबंधन द्वारा Laundry को हर दिन 15 किलो सर्फ और 30 लीटर हाइपो केमिकल देना है, लेकिन वर्षों से प्रबंधन ने इसे उपलब्ध नहीं कराया है।
मरीज के परिजनों ने कहा-गंदी चादर से संक्रमण फैलने का है खतरा
RIMS Hospital में मरीज के परिजनों ने कहा कि अस्पताल से चादर मिलती है, लेकिन इसकी सफाई ठीक से नहीं होती। ऐसे में घर से चादर लाकर मरीज के बेड पर बिछाना पड़ता है।
कई परिजनों ने आरोप लगाया कि हर रोज बेडशीट (Bed-sheet) नहीं बदली जाती है। इसकी वजह से उनके ऊपर संक्रमण फैलने का खतरा हमेशा मंडराता रहता है।