रांची: रांची में रथ यात्रा निकालने की अनुमति की मांग को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई।
चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में इसकी सुनवाई हुई।
इसमें प्रार्थी की ओर से पूर्व महाअधिवक्ता और वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार ने अदालत को बताया कि छिन्नमस्तिका मंदिर के मामले में हाई कोर्ट की ओर से राज्य सरकार के स्तर से उचित निर्णय लिये जाने का आदेश पूर्व में पारित किया गया था।
वर्तमान में रांची के जगन्नाथ मंदिर, जहां वर्षों से रथ यात्रा निकाले जाने की परंपरा है, इस रथ यात्रा से राज्य भर के लोगों की गहरी आस्था जुड़ी हुई है। इसलिए सरकार को उचित आदेश दिया जा सकता है।
हाई कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए यह मामला राज्य सरकार द्वारा निर्णय लिये जाने योग्य है।
यदि सरकार मंदिर समिति सेवकों के साथ यात्रा निकालने की अनुमति देती है, तो सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित शर्तों के आधार पर ही सरकार ऐसा निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है।
अदालत ने यह भी कहा कि क्योंकि आदेश की मूल प्रति निर्गत होने में देर हो सकती है, इसलिए सरकार की ओर से मौजूद अपर महाधिवक्ता सरकार को मौखिक सूचना देंगे, ताकि आदेश की मूल प्रति प्राप्त नहीं होने की स्थिति में भी यथाशीघ्र उचित निर्णय लिया जा सके।
राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्त सचिन कुमार ने अपना पक्ष रखा। प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता सुगंधा और अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज ने भी पक्ष रखा।
उल्लेखनीय है कि रांची के जगन्नाथपुर स्थित जगन्नाथ मंदिर से रथ यात्रा निकालने की मांग करते हुए झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गयी है।
जगन्नाथ मंदिर न्यास समिति की तरफ से हाई कोर्ट के अधिवक्ता कुशल कुमार ने यह जनहित याचिका दाखिल की है।
याचिका में कहा गया है कि पिछले तीन सौ साल से ज्यादा समय से रांची के जगन्नाथ मंदिर से रथ यात्रा निकलती है। लेकिन, पिछले साल कोरोना संक्रमण को देखते हुए रथ यात्रा नहीं निकाली गयी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ पुरी में रथ यात्रा निकालने अनुमति प्रदान की थी।
याचिकाकर्ता ने अदालत से मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर रांची में भी जगन्नाथ मंदिर से मौसीबाड़ी तक रथ यात्रा निकालने की इजाजत दी जाये।
रथ यात्रा में मात्र 101 लोग शामिल होंगे, जिन्होंने कोरोना की वैक्सीन ली हो और जिनकी रिपोर्ट निगेटिव हो।
याचिका के माध्यम से झारखंड सरकार के 30 जून के आदेश में संशोधन की मांग की गयी है, जिसके तहत राज्य के मंदिरों को खोलने और जुलूस निकालने पर रोक लगायी गयी है।
प्रार्थी ने हाई कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ सीमित लोगों के साथ रथ यात्रा निकालने की अनुमति देने की मांग की है।