रांची : रांची के एक इलेक्ट्रानिक मीडिया कंपनी न्यूज 11 (News 11) के मालिक अरूप चटर्जी (Arup Chatterjee) को धनबाद पुलिस द्वारा रविवार को अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में धनबाद मंडल कारा भेज दिया गया।
गौरतलब है कि शनिवार की आधी रात उन्हें रांची से गिरफ्तार किया गया था। अरूप चटर्जी के खिलाफ धनबाद व रांची समेत अन्य शहरों में 22 से अधिक मामले दर्ज हैं।
बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के दामाद व धनबाद के एक बड़े व्यवसायी राकेश ओझा ने अरूप पर चटर्जी पर रंगदारी मांगने व भयादोहन करने का आरोप लगाया था।
राकेश ओझा (Rakesh Ojha) ने बीते 27 जून को अरूप चटर्जी सहित अन्य लोगों के खिलाफ गोविंदपुर थाना में इस संबंध में एफआईआर दर्ज कराई थी।
कोयला चोरी का पर्दाफाश करने की सजा मिली
अरूप चटर्जी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि धनबाद में 2000 हजार करोड़ का कोयला चोरी का पर्दाफाश हमारे चैनल ने किया था।
उसके कारण ही पुलिस ने उनके खिलाफ कार्रवाई की है। धनबाद के गोविंदपुर, निरसा, बाघमारा सहित पूरे धनबाद में कोयला चोरी का मामला प्रकाश में आया है। हम कोई अपराधी नहीं है, हमें जेल जाने से कोई डर नहीं है।
गौरतलब है कि गोविंदपुर थाना में मामला दर्ज होने के बाद पिछले दिनों कोर्ट ने इस मामले में अरूप चटर्जी के खिलाफ गैर जमानतीय वारंट जारी किया था।
इसके बाद धनबाद के डीएसपी (वन) अमर कुमार पांडेय (Amar Kumar Pandey) के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। पुलिस की यह टीम रात 11 बजे के करीब रांची पहुंची। रात 12 बजे पुलिस अरूप चटर्जी के रांची के कांके रोड में स्थित अपार्टमेंट पहुंची।
पुलिस पदाधिकारी ने गार्ड से कहा-अरूप मेरा भाई है
बकौल अरूप चटर्जी शनिवार की रात करीब 12 बजे एक पुलिस पदाधिकारी कांके रोड स्थित उनके अपार्टमेंट के गार्ड के पास आया और उससे कहा कि अरूप मेरा भाई है और रिश्तेदार रांची के अस्पताल में भर्ती हैं।
गार्ड ने बताया कि सर, अभी-अभी आये हैं। हम उन्हें उठाने नहीं जायेंगे। उसके बाद गार्ड से रिक्वेस्ट किया गया और गार्ड उनके फ्लैट से बुलाने के लिए पहुंचा। जैसे ही अरूप ने अपने फ्लैट का दरवाजा खोला, पुलिस ने अरूप को अपनी गिरफ्त में ले लिया।
राकेश ओझा ने कहा-अरूप ने उनसे रंगदारी मांगी और उनका भयादोहन किया है
राकेश ओझा (Rakesh Ojha) ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में बताया था कि अरूप चटर्जी ने मुझसे रंगदारी मांगी है और मेरा भयादोहन किया है।
मैंने उसके खिलाफ सबूत जुटाने के लिए छह लाख रुपये उनके आदमी को दिया है। मेरी फैक्ट्री को हड़पने के लिए मैनेजर राय और अरूप ने मिलकर इस तरह के कार्य को अंजाम दिया है।