झारखंड

ब्यूरोक्रेसी का रवैया ठीक नहीं: हाई कोर्ट

रांची: झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन (Dr. Ravi Ranjan) की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में गुरुवार को रिटायर्ड जज जो राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त रह चुके हैं, उन्हें अतिरिक्त पेंशन के ऊपर महंगाई भत्ता नहीं दिए जाने के मामले की सुनवाई हुई।

मामले में खंडपीठ ने प्रार्थी को निर्देश दिया कि वह मामले में इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया (Election Commission of India) को प्रतिवादी बनाए। कोर्ट ने मामले की सुनवाई 24 अगस्त निर्धारित की है।

प्रार्थी ऋषि पल्लव की ओर से कोर्ट को बताया गया कि कानून के तहत राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त को सेवानिवृत्ति के बाद अतिरिक्त पेंशन मिलता है जो केंद्र सरकार के मुख्य चुनाव आयुक्त के बराबर होता है।

इस अतिरिक्त पेंशन के ऊपर मंगाई भत्ता देय होता है जो प्रार्थी को नहीं दिया जा रहा है। इसे लेकर वह तीन बार रिट याचिका दाखिल कर चुके हैं,लेकिन अब तक इस मामले में कुछ नहीं हुआ।

कार्मिक सचिव को इस विषय को खुद देखना चाहिए

मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की कार्मिक विभाग (Personnel Department) की प्रधान सचिव वंदना डाडेल ने कोर्ट में सशरीर उपस्थित थी।

कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए मौखिक तौर पर कहा कि तीन साल से यह केस चल रहा है, लेकिन आज तक इसका निदान नहीं निकल सका है।

एक रिटायर्ड जज को इस काम के लिए दौड़ाना अनुचित है। ब्यूरोक्रेसी का रवैया ठीक नहीं है। मामले की उपेक्षा कर सरकार के अधिकारियों ने निंदनीय कार्य किया है। कार्मिक सचिव को इस विषय को खुद देखना चाहिए था।

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