रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) ने शुक्रवार राज्य में सूखे के आकलन को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की।
उन्होंने अधिकारियों से राज्य के विभिन्न जिलों और प्रखंडों में हुई अल्प बारिश तथा फसलों की रोपाई की विस्तृत जानकारी ली।
CM ने अधिकारियों से कहा कि सूखे से किसानों- पशुपालकों और मजदूरों के साथ ग्रामीण परिवेश में रहने वाले लोगों को राहत देने के लिए अति शीघ्र विस्तृत योजना तैयार करें।
CM ने कहा कि सुखाड़ से निपटने के लिए सभी संबंधित विभाग विस्तृत कार्य योजना तैयार करें। कृषि, पशुपालन, सिंचाई, ग्रामीण विकास, मनरेगा और पेयजल समेत अन्य क्षेत्र में योजनाओं को बनाकर किसानों एवं मजदूरों को उसका लाभ देना सुनिश्चित करें।
किसानों और मजदूरों को इनसे जोड़कर राहत राहत पहुंचाया जा सके
CM ने सूखे की स्थिति को देखते हुए मिट्टी से जुड़े कच्चे कार्य शुरू करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।उन्होंने ग्रामीण इलाकों में कच्चा सड़क निर्माण, तालाब-एवं डोभा निर्माण, खेतों में मेड़ निर्माण शुरू करने को कहा, ताकि किसानों और मजदूरों को इनसे जोड़कर राहत राहत पहुंचाया जा सके ।
CM ने अधिकारियों से कहा कि संताल और पलामू प्रमंडल के कई इलाकों में कम बारिश (Less Rain) की वजह से कृषि कार्य के साथ पेयजल और पशुओं के लिए भी जल संकट की स्थिति पैदा हो गई है।
ऐसे में वरीय अधिकारी इन इलाकों का दौरा कर वहां की जमीनी हकीकत की जानकारी लें और उससे निपटने के लिए Report बनाकर सरकार को दें ताकि जल्द से जल्द प्रभावी कदम उठाया जा सके।
मुख्यमंत्री (CM) ने कहा कि सूखे की वजह से राज्य से किसानों और मजदूरों का पलायन नहीं हो, इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि किसानों मजदूरों और अन्य प्रभावित लोगों को किस तरह रोजगार से जोड़ सकते हैं। उन्हें मजदूरी देने की क्या व्यवस्था हो।
सूखे से निपटने के लिए और क्या-क्या विकल्प अपनाए जा सकते हैं और इससे संबंधित किन योजनाओं को लागू किया जा सकता है, इसकी पूरी रिपोर्ट तैयार करें।
CM ने अधिकारियों से यह भी कहा कि वे सूखा प्रभावित (Drought affected) राज्यों द्वारा सुखाड़ से निपटने के लिए क्या-क्या तैयारियां की जा रही हैं। इसकी पूरी जानकारी लें ।
झारखंड में कुछ ऐसी है सूखे की स्थिति
CM को अधिकारियों ने बताया कि 15 अगस्त तक राज्य में जो बारिश की स्थिति है, उसके मुताबिक 131 प्रखंड मध्यम और 112 प्रखंड गंभीर सूखे की स्थिति में आते हैं।
वहीं, पूरे प्रदेश में अब तक मात्र 37.19 % फसलों की बुआई हो पाई है। इसमें धान की रोपनी 30 %, मक्का की 63 .81, दलहन की 44.95, तिलहन की 40.67 और मोटे अनाज की 28.87 % रोपनी हो सकी है।
उच्च स्तरीय बैठक में स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता और कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, प्रधान सचिव हिमानी पांडेय, मुख्यमंत्री के सचिव विनय चौबे, सचिव मनीष रंजन, सचिव अबू बकर सिद्दीक, सचिव केएन झा, सचिव अमिताभ कौशल, सचिव प्रशांत कुमार और कृषि निदेशक (Agriculture director) निशा उरांव मौजूद थीं।