रांची: देश की अर्थव्यवस्था (Economy) में आई रफ्तार के बीच रोजगार बढ़ने के बजाय घट गए हैं। अगस्त में बेरोजगारी (Unemployment) दर 8.28% रही है, जो पिछले एक साल का सबसे ऊंचा स्तर है।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के डेटा के अनुसार, अगस्त में शहरी बेरोजगारी दर 8.2% से बढ़कर 9.57% हो गई, जबकि ग्रामीण इलाकों में 6.14% से बढ़कर 7.68% हुई है।
CMIE के मैनेजिंग डायरेक्टर महेश व्यास ने बताया कि अगस्त में औसत से 40 लाख ज्यादा लोगों ने रोजगार पाने की कोशिश की, लेकिन वे सफल नहीं हो पाए।
वहीं, दूसरी ओर कृषि क्षेत्र में रोजगार घटा है। इसका कारण मानसूनी बारिश में देरी है। केंद्र सरकर (Central government) 2024 तक 10 लाख सरकारी नौकरियां देने की बात कह रही है।
पर, आंकड़े बताते हैं कि राज्य सरकारों ने पिछले 8 साल में नौकरी के लिए आवेदन (Application) करने वालों युवाओं में से सिर्फ 0.3% को नौकरी दी है।
सबसे ऊंची बेरोजगारी दर
- झारखंड 17.3%
- हरियाणा 37.3%
- जम्मू-कश्मीर 32.8%
- राजस्थान 31.4%
सबसे कम बेरोजगारी दर
- छत्तीसगढ़ 0.4%
- मेघालय 2.0%
- महाराष्ट्र 2.2%
- गुजरात 2.6%
शहर और गावों में इतनी रही बेरोजगारी दर
CMIE के प्रबंध निदेशक महेश व्यास ने कहा कि ‘अगस्त में शहरी बेरोजगारी दर बढ़कर 9.6 प्रतिशत और ग्रामीण बेरोजगारी दर बढ़कर 7.7 प्रतिशत हो गई।
‘ व्यास ने बताया अनियमित वर्षा ने बुवाई गतिविधियों को प्रभावित किया और यह ग्रामीण भारत में बेरोजगारी बढ़ने का एक कारण है।
देश के ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर जुलाई में 6.1 प्रतिशत से बढ़कर अगस्त में 7.7 प्रतिशत हो गई। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि रोजगार (Employment) दर 37.6 प्रतिशत से गिरकर 37.3 प्रतिशत पर पहुंच गई।