रांची: पूरा देश आज जहां आजादी के 75 साल पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव (Amrit Mahotsav) मना रहा है, वहीं राजधानी रांची से महज 17 किलोमीटर की दूरी पर बसा बड़ी आबादी वाले कोकदोरो गांव के लोग बदहाली (Plight) का दंश झेलने को विवश हैं। ग्रामीण गांव की 20 साल से भी ज्यादा पुरानी व जर्जर सड़क पर चलने को मजबूर हैं।
दर्जनों गांवों का संपर्क टूट गया
सड़क की दुर्दशा का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि साल की पहली बारिश में ही गांव की सड़क का Calvert धराशायी हो गया है।
इससे दर्जनों गांवों का संपर्क टूट गया। इसी सड़क से होकर कांके रोड वाया कोकदोरो, चौबे खटंगा, सहित, रोल, एकंबा, सतकनादू, बत्ता कनादू समेत कई गांवों के लोग गुजरते हैं।
उल्लेखनीय है कि सालों से जर्जर इस सड़क की मरम्मत कराने के लिए ग्रामीण लगातार सरकारी अफसरों व बाबुओं के चक्कर काटते रहे।
ग्रामीणों ने उनसे कई बार सड़क निर्माण की मांग की, लेकिन इस मामले में उनकी अनदेखी की जाती रही।
प्रशासन की ओर से इस दिशा में कोई पहल नहीं की गई
कलवर्ट टूटने के बाद ग्रामीणों ने इसकी सूचना प्रशासन को भी दी, लेकिन प्रशासन (Administration) की ओर से इस दिशा में कोई पहल नहीं की गई। ऐसे में ग्रामीण खुद श्रमदान में जुट गए।
उन्होंने चंदा इकट्ठा कर सीमेंट बालू सहित अन्य निर्माण सामग्री जुटाया और मरम्मत कार्य में लग गए। इस समाचार के लिखे जाने तक कलवर्ट के मरम्मतत का कार्य जारी था।