रांची: श्रीलंका में फंसे झारखंड के 19 श्रमिकों की घर वापसी हो गई है। गिरिडीह, हजारीबाग और धनबाद जिले के 19 श्रमिकों ने सोशल मीडिया के माध्यम से श्रीलंका से मदद और घर वापसी की गुहार लगाई थी।
उन्होंने दो अप्रैल को सोशल मीडिया पर भारत सरकार व झारखंड सरकार को संदेश भेजा था। इस पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विदेश मंत्री एस जयशंकर तथा श्रीलंका में भारतीय उच्च आयोग से मदद के लिए आग्रह किया था। साथ ही मुख्यमंत्री ने राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष एवं श्रम विभाग को भी उचित कार्रवाई के लिए निर्देश दिया था।
श्रमिकों को 8,68,777 रुपये बकाया राशि का हुआ भुगतान
सत्यापन के दौरान यह पता चला कि सभी मजदूर 18 फरवरी से श्रीलंका में कल्पतरू पावर ट्रैन्ज़्मिशन लिमिटेड में फिटर के रूप में कार्य कर रहे थे।
श्रीलंका में फंसे श्रमिकों ने बताया कि ठेकेदार ने उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया था। तीन महीने से ज्यादा होने के बाद भी उन्हें वेतन नहीं दिया गया और उन्हें खाने का भी पैसा देना बंद कर दिया गया था।
राज्य सरकार के श्रम विभाग द्वारा श्रीलंका में भारतीय उच्च आयोग एवं अन्य अधिकारियों से संपर्क स्थापित कर श्रमिकों को सहायता प्रदान करने का आग्रह किया गया और राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष द्वारा ठेकेदार व कंपनी से संपर्क कर श्रमिकों के बकाया राशि का भुगतान करने को कहा गया।
श्रीलंका में भारतीय उच्च आयोग और अधिकारियों द्वारा घटना पर संज्ञान लिया गया और श्रमिकों को कंपनी के माध्यम से खाने की व्यवस्था एवं सुरक्षा भी दी गई।
5 मई 2022 को ठेकेदार एवं कंपनी द्वारा श्रमिकों को बकाया भुगतान कर सभी श्रमिकों के अकाउंट में कुल रु 8,68,777 रुपये का भुगतान किया गया।
साथ ही सभी का देश वापसी हेतु हवाई टिकट भी कराया गया। इसके पश्चात सभी श्रमिक 6 मई की सुबह तीन बजे की फ्लाइट से भारत के लिए निकल कर दोपहर दो बजे बिरसा मुंडा हवाई आड्डा, रांची पहुंचे।
इस संबंध में श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग के मंत्री सत्यानंद भोक्ता का कहना है कि राज्य सरकार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में श्रमिकों और कामगारों के प्रति संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है।