झारखंड

झारखंड के 30 मजदूरों ने लगाई वतन वापसी की गुहार, तीन साल पहले गए थे मलेशिया

मजदूरों का कहना है कि तीन साल पहले एजेंट के जरिए वे मलेशिया पहुंचे थे

रांची: झारखंड के 30 प्रवासी मजदूरों ने भारतीय दूतावास से सोशल मीडिया में रविवार को वीडियो जारी कर मजदूरों ने बकाया तीन महीने की राशि दिलाकर अपने घर वापसी की गुहार लगाई है।

मजदूरों का कहना है कि तीन साल पहले एजेंट के जरिए वे मलेशिया पहुंचे थे। मलेशिया में वे तीन साल के एग्रीमेंट पर लीड मास्टर इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन एसडीएन बीएचडी कंपनी में मजदूरी कर रहे थे और उनका तीन महीने का मजदूरी भी बकाया है।

मजदूरों की समस्या सरकार तक पहुंचाने वाले सिकंदर अली ने कहा कि यह पहला मौका नहीं है कि जब दलालों के चक्कर में पड़कर यहां के लोग विदेश में फंस जाते हैं।

मलेशिया में फंसे मजदूर …

मलेशिया में जो मजदूर फंसे हैं, उसमें हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ प्रखंड अंतर्गत चानो निवासी जगलाल महतो, गोविंद महतो, चेतलाल महतो, भुनेश्वर महतो, मनोज महतो, लीलो महतो, मंगरो निवासी सुरेश महतो, रखवा निवासी गिरघारी महतो, भेलवारा निवासी प्रकाश महतो, संपमरवा निवासी तिलेश्वर महतो, टूटकी निवासी प्रदीप महतो,बोकारो जिले के गोमियां प्रखंड अंतर्गत तिसकोपी के रोहित महतो,

प्रेमलाल महतो, दशरथ महतो, केशु महतो, बासुदेव महतो, विश्वनाथ महतो, बड़की सीधाबारा के पुनीत महतो, प्रेमचंद महतो, चिलगो के टुकामन महतो, नावाडीह प्रखंड के महुआटांड़ निवासी भुनेश्वर कुमार, दुलारचंद महतो, झरी कुमार,गिरिडीह जिले के बगोदर प्रखंड अंतर्गत खेतको निवासी बिनोद महतो, बासुदेव महतो, रामेश्वर महतो, बुधन महतो, डुमरी प्रखंड के मंगलूहार निवासी बुधदेव प्रसाद, सेवाटांड़ के देवानंद महतो, घुटवाली के बिनोद महतो शामिल हैं।

उल्लेखनीय है कि हाल ही में केंद्र सरकार की पहल पर अफ्रीकी देश माली से झारखंड के हजारीबाग और गिरिडीह जिले के 33 प्रवासी मजदूर वापस लौटे हैं।

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