झारखंड

झारखंड विधानसभा में भाजपा और झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चा ने मिलकर सरकार को घेरा

प्रभारी मंत्री चम्पाई सोरेन के जवाब से विपक्ष असंतुष्ट था।

रांची: झारखंड विधानसभा में मंगलवार को सदन में भाजपा और नवगठित झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चा ने मिलकर सरकार को घेरा।

भाजपा और झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चा के विधायक आसन के समक्ष आए और हंगामा करने लगे। इस दौरान विधायकों ने मंत्री पर भ्रामक जांच देने का आरोप लगाया। स्पीकर के आग्रह के बाद भी विधायक हंगामा और नारेबाजी करते रहे।

प्रभारी मंत्री चम्पाई सोरेन के जवाब से विपक्ष असंतुष्ट था। सदन में निर्दलीय विधायक सरयू राय ने राज्य के 231 खनन पट्टे को 31 मार्च 2020 को दो साल के लिए एक्सटेंसन दिए जाने पर सरकार को 350 करोड़ रुपये नुकसान देने का मुद्दा उठाया। उन्होंने पूछा कि सरकार बताए इसकी जिम्मेवारी किसकी है।

आखिर सरकार ने दो साल बाद भी 231 खनन का टेंडर प्रक्रिया क्यों नहीं किया। 231 खनन पट्टा का टेंडर नहीं हो कर एक्सटेंशन नहीं देने का परिणाम यह हुआ है कि कंपनियों ने सरकार को प्रीमियम नहीं भरा। इससे सरकार को 350 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हुआ है।

सरकार टेंडर की दिशा में आगे बढ़ रही है

जवाब देते हुए विभागीय मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि 231 खनन पट्टे के लीज 31 मार्च 2022 तक पूरा हो रहा है।

सरकार ने अभी तक 45 टेंडर को पूरा कर लिया गया है। 150 टेंडर प्रकाशित होने के कगार पर है। 36 खनन टेंडर कार्य की जांच की जा रही है।

राय ने पूछा कि एक्सटेंशन पूरा होने को केवल दस दिन बचा है। अभी तक टेंडर नहीं होने और एक्सटेंशन देने से सरकार को 350 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। आखिर सरकार ने मार्च 2020 को एक्सटेंशन ना देकर टेंडर काम क्यों नहीं किया।

इसपर बादल ने कहा कि सभी जानते हैं कि कोरोना संकट से टेंडर काम नहीं किया गया। अब सरकार टेंडर की दिशा में आगे बढ़ रही है।

इसपर राय ने कहा कि आगे होने वाले टेंडर (ऑक्शन) काम में कोई भी भाग नहीं लेगा, क्योंकि खनन पट्टा बंदोबस्त जमीन पर है।

इस पर भाजपा और मोर्चा के लोग वेल में आकर हंगामा करने लगे जिसके बाद स्पीकर ने सभा की कार्यवाही 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

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