रांची: प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से झारखंड की खनन सचिव एवं IAS पूजा सिंघल को लेकर शुरू की गई जांच से झारखंड सरकार की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं।
अब ईडी ने झारखंड सरकार से पूजा को मनरेगा घोटाले में आरोप मुक्त करने व कठौतिया कोल माइंस जमीन गड़बड़ी में ACB जांच की परमिशन नहीं देने वाली फाइलें पेश करने का आदेश दिया है।
सूत्रों ने बताया कि जांच टीम को कई और दस्तावेज हाथ लगे हैं, उस पर सरकार से रिपोर्ट मांगी जा सकती है।
बता दें कि चतरा-खूंटी में उपायुक्त (डीसी) रहते पूजा सिंघल के कार्यकाल में हुए मनरेगा घोटाले में इन्हें प्रथम दृष्टया आरोपी मानकर सरकार ने विभागीय कार्रवाई शुरू की थी। विभागीय रिपोर्ट कार्मिक विभाग पहुंची तो तत्कालीन कार्मिक सचिव निधि खरे ने रिपोर्ट पर ग्रामीण विकास विभाग से राय लेने की बात लिखी थी।
तत्कालीन ग्रामीण विकास सचिव एनएन सिन्हा ने पूजा सिंघल को आरोपों से दोषमुक्त करने संबंधी प्रस्ताव पर असहमति जताई थी। लेकिन सरकार ने उन्हें क्लीन चिट दे दी थी।
83 एकड़ जमीन आवंटन में भ्रष्टाचार की शिकायत
वहीं कठौतिया कोल माइंस से जुड़े 83 एकड़ जमीन आवंटन में भ्रष्टाचार की शिकायत पर एसीबी ने जांच की अनुमति मांगी थी।
इससे पहले तत्कालीन पलामू कमिश्नर एनके मिश्रा ने 29 जनवरी 2015 को जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। उसमें पूजा सिंघल को दोषी बताया था। लेकिन सरकार ने एसीबी जांच की अनुमति नहीं दी थी।
पूजा के पति से भी पूछताछ शुरू
गौरतलब है कि अभी पूजा सिंघल, उसके पति अभिषेक झा और अभिषेक का सीए सुमन कुमार प्रवर्तन निदेशालय की रडार पर आ गए हैं।
चार दिन पहले ही सुमन के घर से 19 करोड़ रुपए से ज्यादा नकदी ईडी की टीम ने बरामद की है। साथ ही बरियातू रोड स्थित पल्स हॉस्पिटल के संचालक अभिषेक झा के संस्थान से ईडी की टीम ने लगातार दो दिन की छापेमारी में कई तरह के दस्तावेज बरामद किए हैं।
अभिषेक से भी टीम ने पूछताछ शुरू कर दी है। उससे रविवार देर रात तक ईडी और आयकर विभाग की टीमें गहन पूछताछ करती रहीं।
इस दौरान उसके सीए सुमन को भी सामने बैठाया गया था। इसमें उसने पैसों और संपत्तियों का खुलासा करने पर अपनी जान को खतरा होने की बात कही है।