रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) के भाई और दुमका विधायक बसंत सोरेन (Dumka MLA Basant Soren) को सोमवार को चुनाव आयोग से राहत मिली है। उन्हें जवाब दाखिल करने के लिए अब 15 जून तक का समय दिया गया है।
जानकारी के अनुसार विधायक बसंत सोरेन की माइनिंग कंपनी ग्रैंड माइनिंग (Mining Company Grand Mining) के मामले में सोमवार को भारत निर्वाचन आयोग के समक्ष सुनवाई हुई।
विधायक सोरेन के खिलाफ भाजपा ने पद का दुरुपयोग करने की शिकायत करते हुए झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को ज्ञापन दिया था।
भाजपा (BJP) नेताओं ने ज्ञापन में मांग की गई थी कि बसंत सोरेन को अयोग्य घोषित किया जाये। इसके बाद झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने इस ज्ञापन को निर्वाचन आयोग को भेजा था।
14 जून को आयोग के समक्ष उपस्थित होने को कहा गया है
बसंत सोरेन ने कहा कि इस मामले में भारत निर्वाचन आयोग को पहले ही अपना जवाब भेज चुके हैं।
अपने जवाब में उन्होंने कहा है कि आयोग से उन्होंने कोई तथ्य नहीं छिपाया है। चुनाव के दौरान सौंपे गए शपथ पत्र में भी इसका उल्लेख है।
दरअसल, बसंत सोरेन को चुनाव आयोग में 30 मई को अपना पक्ष रखना था लेकिन उन्होंने संशोधित जवाब दाखिल करने के लिए और समय की मांग की थी।
आयोग ने सोमवार को उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए उन्हें 15 जून तक का समय दिया है।
वहीं, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम पर अनगड़ा में खनन पट्टा से संबंधित शिकायत पर चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री को दो सप्तायह का समय देते हुए 14 जून को आयोग के समक्ष उपस्थित होने को कहा गया है।
भाजपा की ओर से शैलेश मोदियाल और कुमार हर्ष ने निर्वाचन आयोग के समक्ष पक्ष रखा। विधायक बसंत सोरेन की ओर से वरीय अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने आयोग में पक्ष रखा।