रांची: रिम्स के जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (जेडीए) के अध्यक्ष डॉ विकास कुमार ने गुरुवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।
यह पत्र उन्होंने राजस्थान में रोगी के परिचारकों द्वारा प्रताड़ित किये जाने पर ऑन-ड्यूटी चिकित्सक की आत्महत्या करने के संबंध में लिखा है।
पत्र में डॉ विकास कुमार ने लिखा है कि स्व डॉ अर्चना शर्मा राजस्थान के दौसा में निजी अस्पताल में प्रसूति रोग विशेषज्ञ थी।
उन्होंने 29 मार्च को आत्महत्या कर लिया। एक महिला अपने अस्पताल में प्रसव के लिए आई और प्रसव के बाद प्रसवोत्तर रक्तस्राव की शिकायत का सामना करना पड़ा, जिसके लिए रोगियों के परिचारकों ने उस पर चिकित्सा लापरवाही का आरोप लगाया।
उसे आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ा
उन्होंने पत्र में लिखा है कि उसे इस हद तक प्रताड़ित किया कि उसे आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
परिचारिकाओं के कहने पर राज्य पुलिस द्वारा धारा 302 आईपीसी के तहत प्राथमिकी भी दर्ज की गई है।
उन्होंने लिखा है कि इसे लेकर रिम्स अस्पताल के समक्ष जेडीए ने धरना प्रदर्शन कर इस घटना की कड़ी निंदा की है।
उन्होंने पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री से मांग की है कि इस घटना की उचित जांच हो। उनके परिवार को राज्य सरकार द्वारा प्राथमिकी वापस हो और मुआवजा दिया जाये।
रोगी के परिचारक द्वारा डॉक्टरों के उत्पीड़न को रोकने के लिए तत्काल उपाय किए जाये। निकट भविष्य में ऐसी घटना से बचने के लिए न्यायालय के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किये जाने सहित अन्य शामिल है।