रांची: मेयर आशा लकड़ा (Asha Lakra) ने नगर आयुक्त मुकेश कुमार को पत्र लिखकर 25 मार्च 2021 को नगर निगम परिषद की बैठक में उपस्थापित किए गए कार्यवृत्त संख्या तीन, चार, पांच, छह, आठ और 27 तथा 30 सितंबर 2021 को उपस्थापित कार्यवृत्त संख्या नौ, दस, 11, 14 तथा 16 को परिषद की कार्यवाही से हटाने का निर्देश दिया है।
उन्होंने मंगलवार को कहा कि मीडिया में लगातार यह बातें आ रही हैं कि मेयर नगर निगम परिषद की बैठक बुलाने में अड़ंगा लगा रही हैं।
जबकि वास्तविकता यह है कि परिषद की पिछली बैठक में ही हर माह नगर निगम परिषद की बैठक बुलाने का निर्णय लिया गया था।
परिषद की पिछली बैठक के बाद अब तक दो बार नगर आयुक्त को पत्र लिखकर निगम परिषद् की बैठक आहूत करने का निर्देश दिया जा चुका है।
कार्यवाही की संपुष्टि करने का दबाव बनाया जा रहा है
हाल ही में नगर आयुक्त ने परिषद की बैठक के लिए एजेंडा से संबंधित फाइल भी भेजा था, लेकिन वे अपनी मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे हैं।
निगम परिषद की पूर्व की बैठकों में जिन एजेंडों को नगरपालिका अधिनियम-2011 के तहत परिषद की बैठक में शामिल नहीं करने का निर्देश दिया गया था, उन एजेंडों को परिषद की कार्यवाही में न सिर्फ शामिल किया गया है, बल्कि उसे ध्वनि मत से पारित बताते हुए कार्यवाही की संपुष्टि करने का दबाव बनाया जा रहा है।
मेयर ने कहा कि मैं पूर्व में भी झारखंड नगरपालिका अधिनियम-2011 में निहित प्रावधानों को अनुपालन करती रही हूं और आने वाले समय मे भी करती रहूंगी।
ध्वनि मत से पारित कराने की प्रक्रिया उचित है या नहीं
रांची नगर निगम के अधिकारियों के दबाव में आकर ऐसा कोई कार्य नहीं करूंगी, जिससे मेरे कर्तव्य, दायित्व एवं मान-सम्मान पर किसी प्रकार का सवाल उठे।
मेयर ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि झारखंड नगरपालिका अधिनियम-2011 में निहित प्रावधानों के तहत ही पांच अप्रैल 2022 को नगर विकास विभाग की ओर से अधिसूचना जारी की गई है, जिसमें मेयर की सहमति से परिषद की बैठक के लिए एजेंडा, समय और तिथि निर्धारित करने का निर्देश दिया गया है।
उन्होंने कहा कि पूर्व में निगम परिषद या स्थाई समिति की बैठकों में जिन एजेंडों को शामिल नहीं करने का निर्देश दिया गया था, वह झारखंड नगरपालिका अधिनियम-2011 में निहित प्रावधानों के तहत ही किया गया है।
यदि नगर आयुक्त अपनी मनमानी छोड़कर संबंधित एजेंडों को परिषद की कार्यवाही से हटाकर उसमे संशोधन करने के लिए तैयार हैं, तो संबंधित कार्यवाही की संपुष्टि की जा सकती है।
मेयर ने नगर आयुक्त को निर्देश दिया है कि वे स्वयं विभागीय अधिसूचना के तहत क्रम संख्या आठ का अवलोकन कर स्पष्ट करें कि निगम परिषद की बैठक में संबंधित प्रस्ताव को ध्वनि मत से पारित कराने की प्रक्रिया उचित है या नहीं।