रांची: ED की टीम ने झारखंड में एक IAS अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की है। मिली जानकारी के अनुसार पूजा सिंघल के करीबी एक CA के घर से 19 करोड़ से अधिक रुपए मिलने की खबर सामने आई है।
ईडी के अधिकारी नोट गिनने वाली मशीन से रुपए गिन रहे हैं। हालांकि अब तक बताई गई रकम की पुष्टि नहीं हो पाई है।
सूत्रों के अनुसार पूजा सिंघल के घर से कई अहम दस्तावेज बरामद किए गए हैं। बता दें कि पूजा की शादी IAS अधिकारी राहुल पुरावर से हुई थी।
उनके बच्चे भी हुए, लेकिन शादी ज्यादा दिन नहीं चली। पारिवारिक विवाद के कारण उन्हें तलाक लेना पड़ा और बाद में उन्होंने अभिषेक झा से शादी की।
बताते चलें कि पूजा सिंघल के ससुर कामेश्वर झा मुजफ्फरपुर में DPRO रह चुके हैं। उनके पुत्र अभिषेक झा से आईएएस पूजा सिंघल की दूसरी शादी है। मिठनपुरा इलाके में लोग पूजा सिंघल के पति को बिट्टू नाम से भी जानते हैं।
अभिषेक झा रांची में पल्स अस्पताल का संचालन करते हैं। अभिषेक झा ने शादी के बाद रिम्स के सामने पल्स डायग्नोस्टिक सेंटर (Pulse Diagnostic Center) खोला।
फिलहाल उनके आस्ट्रेलिया में होने की बात सामने आ रही है। इधर, छापेमारी के दौरान पूजा सिंघर ले ससुर कामेश्वर झा को हिरासत में लिए जाने की अफवाह भी उड़ती रही।
आपको बता दें कि CM हेमंत सोरेन ने इस अस्पताल के निर्माण की जांच के भी आदेश दिए थे।
वहीं इस दबिश के दौरान पूजा सिंघल सरकारी आवास में ही दिन भर रहीं। ईडी की टीम सुबह छह बजे यहां भी पहुंची थी। इसके बाद कैंपस को अंदर से बंद कर दिया गया था। अंदर किसी को जाने की इजाजत नहीं थीं। दिनभर पूजा सिंघल के सरकारी आवास में गहमागहमी बनी रही।
जानें क्यों दिया था CM हेमंत सोरेन ने जांच के आदेश
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बरियातू रोड में बन कर तैयार ‘पल्स सुपर स्पेश्यिलिटी हॉस्पिटल’ बिल्डिंग की जांच का आदेश दिया था।
यह हॉस्पिटल राज्य की वरिष्ठ आइएएस अफसर कृषि विभाग की सचिव पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा ने बनवाया है।
आरोप है कि हॉस्पिटल की विशाल बिल्डिंग आदिवासी-भुईंहरी जमीन पर नाजायज तरीके से बनवायी गयी है। नारायण विश्वकर्मा नामक व्यक्ति ने ट्वीट के जरिए यह मामला सीएम हेमंत सोरेन के संज्ञान में लाया।
इस पर मुख्यमंत्री ने अपने ट्विटर हैंडल पर रांची के उपायुक्त को मामले की जांच कराने और उसके बाद आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया।
सीएम ने उपायुक्त को कहा है कि कार्रवाई के बाद उन्हें सूचित किया जाये। आरोप लगाया गया है कि जिस जमीन पर पल्स अस्पताल बन रहा है, वह जमीन आदिवासी की है और भुईंहरी प्रकृति की है।
सीएम ने नारायण विश्वकर्मा के जिस ट्वीट पर यह आदेश दिया है, उसमें लिखा गया है कि रांची में आदिवासी जमीन की खरीद-बिक्री को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं।
आदिवासी जमीन की जमीनी हकीकत के कई फसाने मीडिया में सुर्खियां जरूर बने, पर हुआ कुछ नहीं। नियम है कि आदिवासी की भूईंहरी जमीन की न रसीद कटेगी, न रजिस्ट्री होगी, लेकिन सभी नियमों को ताक पर रख कर हर कीमत पर आदिवासी जमीन हथिया ली गयी।
ट्वीट में बताया गया है कि बरियातू रोड में रिलायंस फ्रेश के बगल की जिस जमीन पर पल्स हॉस्पिटल की बिल्डिंग बनायी गयी है, वह अंचल बड़गांई, मौजा मोरहाबादी, थाना नंबर-192, खाता संख्या-162, खेसरा संख्या 1248 की 33 डिसमिल भुईंहरी जमीन पर है।
इसमें में करीब तीन कट्ठा जमीन की रसीद अरुण कुमार जैन के नाम से कटा ली गयी। जमीन मालिक के परिवार ने बड़गांई अंचल में शिकायत की।
अंचल कार्यालय में केस नंबर 1120-2017/18 में निरीक्षण प्रतिवेदन के आधार पर पूर्व सीओ विनोद प्रजापति ने भी भुईंहरी खाते की जमीन को सरकार में निहित नहीं माना और खारिज कर दिया।
इस शिकायत के बावजूद इस जमीन का रांची नगर निगम से नक्शा पास हुआ और एचडीएफसी बैंक से लोन पास करा लिया गया। अब इमारत का निर्माण कार्य धड़ल्ले से जारी है।
ट्वीट में यह भी बताया गया है कि इस मामले में सरना सोतो संगम के सचिव राजेश मुंडा ने दो अप्रैल 2019 को मुख्यमंत्री जनसंवाद केंद्र में शिकायत की थी।
IAS पूजा सिंघल के दुसरे पति अभिषेक झा की फाइल फोटो
पूजा सिंघल के उपायुक्त रहते खूंटी में भी हुआ था 18 करोड़ का घोटाला
झारखंड की उद्योग और खनन विभाग की सचिव पूजा सिंघल शुक्रवार को अचानक सुर्खियों में आ गयी। रांची समेत देश भर में उनके ठिकानों पर इडी की छापेमारी के बाद खूंटी में भी चर्चा का बाजार गर्म हो गया है। सिंघल को लेकर शहर के चौक चौराहों में जितनी-मुंह उतनी बातें हो रही हैं।
खूंटी जिला बनने के बाद पूजा सिंघल जिले की दूसरी उपायुक्त बनी। उनके कार्यकाल में ही नव गठित खूंटी जिले में 18.6 करोड़ का घोटाला हुआ था।
इस मामले में उपायुक्त का खास कहे जाने वाले तत्कालीन कनीय अभियंता राम विनोद सिन्हा को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उपायुक्त पूजा सिंघल का बाल बांका भी नहीं हुआ।
उनके उपायुक्त रहने के दौरान कनीय अभियंता राम विनोद सिन्हा उनका खासम खास बना हुआ था। जिले में संचालित तमाम विकास योजनाओं की जिम्मेवारी घोषित या अघोषित रूप से राम विनोद सिन्हा को ही मिलती थी।
नियम कायदों को ताख पर रखकर योजनाओं में उसे अग्रिम के रूप में मोटी रकम का भुगतान किया जाता था। घोटाला उजागर होने के बाद कई प्रमुख योजनाएं अधर में लटक गयीं।
इनमें सदर अस्पताल का भवन भी शामिल है। लोगों का कहना है कि पूजा सिंघल के खिलाफ कार्रवाई तो होनी ही थी। उनका भ्रष्ट आचरण जगजाहिर है।
नये खूंटी जिले में जब विकास योजनाओं को धरातल में उतारने जरूरत थी, तब पूजा सिंघल ने कनीय अभियंता राम विनोद सिन्हा के कंधे पर बंदूक रखकर खूब गड़बड़ घोटाला किया था।
पांच शहरों में एक साथ दबिश
ED की टीम ने शुक्रवार की सुबह छह बजे एक साथ पांच राज्यों में छापेमारी शुरू की। यह दबिश रांची, मुजफ्फरपुर, कोलकाता, दिल्ली व जयपुर में हुई। रांची में छापेमारी का नेतृत्व ईडी के ज्वाइंट डायरेक्टर स्तर के अधिकारी कपिल राज कर रहे हैं।
इन राज्यों में हुई छापेमारी
झारखंड (रांची), बिहार (मुजफ्फरपुर), पश्चिम बंगाल (कोलकाता), दिल्ली और राजस्थान (जयपुर)।