रांची: भारतीय महिला दार्शनिक परिषद, वेदांत रिसर्च सेंटर एवं सरला बिरला विश्वविद्यालय (Sarla Birla University) के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय अधिवेशन का आयोजन सरला बिरला विश्वविद्यालय में किया जायेगा। 27 से 29 मई तक चलने वाले इस अधिवेशन के लिए रिसर्च पेपर पांच मई तक जमा किया जा सकता है।
यह जानकारी रविवार को वेदांत रिसर्च सेंटर की निदेशक तथा भारतीय महिला दार्शनिक परिषद की अध्यक्ष प्रो राजकुमारी सिन्हा ने दी।
प्रो सिन्हा ने बताया कि अधिवेशन में देश के विभिन्न प्रांतों से विद्वान, शिक्षक और शोधार्थी हिस्सा लेंगे।
इस अधिवेशन में हिस्सा लेने वाले संभावित विद्वानों की सूची में आईसीपीआर नई दिल्ली के पूर्व चेयरमैन प्रो आरसी सिन्हा, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रजनीश कुमार शुक्ल, भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के मेंबर सेक्रेटरी प्रो. कुमार रत्नम, अखिल भारतीय दर्शन परिषद के अध्यक्ष प्रो. जटाशंकर, डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के विभागाध्यक्ष प्रो. अंबिका दत्त शर्मा, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय की पूर्व विभागाध्यक्ष एवं संकायाध्यक्ष प्रो. छाया राय, ओसमानिया विवि की पूर्व विभागाध्यक्ष एवं संकायाध्यक्ष प्रो. वी पद्मावति तथा अन्य के नाम शामिल हैं।
निर्णायकों का निर्णय अंतिम और मान्य होगा
इस अधिवेशन में चार समानांतर सत्र, दस इंडोमेंट लेक्चर और दो-दो स्मिपोजिया का आयोजन भी किया जायेगा।
इनका विषय भारतीय दर्शन: क्लासिकल एवं मॉर्डन, ज्ञान मीमांसा एवं तत्व मीमांसा, महिला संबंधी मुद्दे तथा नीतिशास्त्र समाज और राजनीतिक दर्शन है।
इन चारों समानांतर सत्र में कोई भी विद्वान, शिक्षक, शोध छात्र विद्यार्थी या अन्य सम्मानित व्यक्ति हिस्सा ले सकते हैं।
उन्होंने बताया कि बीए, एमए, पीएचडी स्तर के विद्यार्थियों के लिए एक निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है, जिसकी अंतिम तिथि 30 अप्रैल है।
प्रतिष्टी शुल्क 100 रुपये है, जिसे वेदांत रिसर्च सेंटर के खाते में जमा किया जाएगा। इसमें तीन पुरस्कार क्रमश: 5000, 4000 एवं 3000 रुपये दिये जायेंगे।
निर्णायकों का निर्णय अंतिम और मान्य होगा। यह राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता होगी, जिसका विषय आदि शंकराचार्य का जीवन एवं दर्शन है।