रांची: राज्य के पूर्व मंत्री और विधायक सरयू राय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है। उन्होंने यह पत्र वित्तीय वर्ष 2021-22 के अंत में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के अवैध आदेश से राजकोष से कोविड महामारी के बहाने के करोड़ों रूपये की राशि निकासी पर कार्रवाई के संबंध में है।
पत्र में उन्होंने लिखा है कि “वैश्विक महामारी कोविड-19 से संबंधित कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, टेस्टिंग, सुपरविजन, कोविड अस्पताल, कोविड वार्ड में कार्यरत, कार्यालय तथा कंट्रोल रूम में कोविड से संबंधित कार्यों के लिए प्रतिनियुक्त चिकित्सा कर्मियों तथा चिकित्सकों को एक माह के मूल वेतन, मानदेय के समतुल्य प्रोत्साहन राशि प्रदान करने की जानी थी।
प्रोत्साहन राशि पाने के योग्य नियमित एवं संविदा कर्मी विभाग द्वारा चिन्हित किये जाने थे। संकल्प की कंडिका चार में प्रोत्साहन राशि पाने के योग्य कर्मियों के बारे में स्पष्ट उल्लेख किया हुआ है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस बारे में गठित समिति ने पात्रता श्रेणी में आनेवाले 94 स्वास्थ्य कर्मियों की सूची तैयार की जो प्रोत्साहन राशि पाने के योग्य थे।
लेकिन स्वास्थ्य मंत्री के कोषांग से 60 अतिरिक्त नामों की सूची विभाग को भेजी गई। इस सूची में मंत्री का नाम सबसे उपर अंकित है।
इस सूची में स्वास्थ्य मंत्री के दो आप्त सचिवों, निजी सहायकों, चर्या लिपिकों, कम्प्यूटर ऑपरेटरों, सहायकों, आदेश पालकों, आइ वाहन चालकों, चार सफ़ाई कर्मियों और माननीय मंत्री की सुरक्षा में नियुक्त, प्रतिनियुक्त कुल 34 अंगरक्षकों एवं अन्य पुलिसकर्मियों का नाम भी प्रोत्साहन राशि पाने वालों में शामिल है। विभागीय अधिकारियों ने इस बारे में नियमों से मंत्री को अवगत करा दिया है।
वे घोर वित्तीय कदाचार और अनियमितता के दोषी हैं
विभागीय समिति की कार्यवाही संचिका के पत्राचार पृष्ठ 84-85 पर रखते हुये मंत्री को वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए और संचिका के टिप्पणी पृष्ठ 38 पर इसका उल्लेख करते हुये संचिका मंत्री के पास सहमति देने के लिये चार मार्च 2022 को भेज दिया।
मंत्री के पास संचिका गई तो उन्होंने इसमें एक और नाम जोड़ने का आदेश दिया कि झारखंड विधानसभा के एक टंकक, जिसकी प्रतिनियुक्ति उनके गोपनीय शाखा में है, का नाम भी प्रोत्साहन राशि पाने वालों की सूची में जोड़ दिया जाय।
स्पष्ट है कि स्वास्थ्य मंत्री के अनधिकृत दबाव में विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष के अंत में सूची में शामिल मंत्री सहित कुल 60 को प्रोत्साहन राशि का अवैध और अनधिकृत भुगतान हुआ। मंत्री ने स्वयं संबंधित संचिका के पृष्ठ 40 पर सात मार्च 2022 को इसपर हस्ताक्षर किया है।
प्रासंगिक संकल्प के अनुसार प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने के लिये अयोग्य कर्मियों का चयन करने के लिये अपने कोषांग के प्रधान के नाते आपकी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री स्वयं ज़िम्मेदार है।
वे घोर वित्तीय कदाचार और अनियमितता के दोषी हैं। अनुरोध है कि उपर्युक्त विवरण के आलोक में स्वास्थ्य विभाग की प्रासंगिक संचिका मंगाकर कर घोर वित्तीय अनियमितता के लिये स्वास्थ्य मंत्री पर कार्रवाई करना चाहेंगे तथा स्वास्थ्य मंत्री सहित उनके कोषांग के अन्य कर्मियों द्वारा ली गई अनुचित एवं अवैध प्रोत्साहन राशि वापस करने का आदेश देने और इसके लिये दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई करना चाहेंगे।