झारखंड

टेंडर में भ्रष्टाचार करने के आरोप में CBI कोर्ट से रांची FCI के तत्कालीन GM और ठेकेदार साक्ष्य के आभाव में बरी

जुगल किशोर को साक्ष्य के आभाव में सोमवार को बरी कर दिया

रांची: CBI कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा (PK Sharma) की अदालत ने टेंडर में भ्रष्टाचार करने के आरोपित फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) के तत्कालीन रांची महाप्रबंधक (GM) जी कार्तिकेयन और ठेकेदार जुगल किशोर को साक्ष्य के आभाव में सोमवार को बरी कर दिया है।

आरसी -4 ए-15 मामले से जुड़े मामले में सभी पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद सीबीआई अदालत ने यह फैसला सुनाया है। अदालत ने सभी गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर दोनों को बरी करने का आदेश दिया है।

जी कार्तिकेयन ने टेंडर देने में भ्रष्टाचार किया है

उल्लेखनीय है कि तत्कालीन महाप्रबंधक जी कार्तिकेयन पर आरोप लगा था कि जीएम रहते उन्होंने गढ़वा के किशोर इंटरप्राइजेज को ऊंची कीमत पर ठेका दिया था।

जबकि कम कीमत पर टेंडर में शामिल होने वाली कंपनियों को इन्होंने नजर अंदाज कर दिया था। इससे सरकार को लाखों रुपये के राजस्व की क्षति हुई थी।

इसके बाद सीबीआई ने मई 2015 में केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की थी। आरोप को सिद्ध करने के लिए सीबीआई के द्वारा कई साक्ष्य और 11 गवाह अदालत के समक्ष पेश किये गए।

जबकि बचाव पक्ष ने सिर्फ चार गवाह पेश किये। गवाह ये साबित नहीं कर पाये की जी कार्तिकेयन ने टेंडर देने में भ्रष्टाचार किया है।

इसके बाद अदालत ने दोनों को बरी कर दिया। बचाव पक्ष की ओर से रांची सिविल कोर्ट के अधिवक्ता शंभू अग्रवाल और रोहित रंजन प्रसाद ने पैरवी की।

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