रांची: डीएवी पब्लिक स्कूल के झारखंड जोन एफ के शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए चल रही तीन दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला शुक्रवार को संपन्न हो गयी।
समापन के अवसर पर शिक्षकों को विषय विशेषज्ञों ने सलाह दी कि सीखी गयीं चीजों को वे क्लासरूम में व्यवहार में लायें।
झारखंड सरकार के प्राइमरी एजुकेशन एंड लिटरेसी डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी आईएएस राजेश कुमार शर्मा ने इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में शिक्षकों को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि उन्हें बहुत खुशी हुई, जब उन्होंने देखा कि रांची के शिक्षकों ने अमेरिका के शिक्षकों से पहले ऑनलाइन क्लास शुरू कर दी और शिक्षा की अलख को बुझने नहीं दिया।
उन्होंने कहा के आपदा के समय शिक्षकों ने शिक्षा को चुनौती के रूप में लिया और बहुत ही धैर्यपूर्वक ऑनलाइन शिक्षा से अपने आपको जोड़ लिया।
उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ी बात है कि वे बहुत अच्छे तरीके से पढ़ा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि डीएवी शुरू से ही शिक्षकों के उन्नयन में लगा हुआ है और मुझे उम्मीद है कि यह कार्यशाला शिक्षकों के लिए बहुत ही उपयोगी और परिणामदायक होगी।
इस मौके पर कडरू स्थित डीएवी कपिलदेव पब्लिक स्कूल के प्राचार्य सह झारखंड जोन एफ के निदेशक, सहायक पदाधिकारी और इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रभारी एमके सिन्हा ने कहा कि व्यक्ति जीवनपर्यंत सीखता रहता है।
सबों को नया सीखने का निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। सिन्हा ने शिक्षकों से अनुरोध किया कि प्रशिक्षण में सीखे ज्ञान को बच्चों में समाविष्ट करने का प्रयास करें।
प्राचार्य ने कहा कि शिक्षक अपने शिक्षण को और ज्यादा प्रभावशाली बनायें। इस प्रशिक्षण कार्यशाला से शिक्षण स्तर में सुधार होगा।
उन्होंने कहा कि शिक्षक पूरे मनोयोग से पढ़ायें, ताकि बच्चे और उनके अभिभावक पूरी तरह संतुष्ट हो सकें।
उन्होंने कहा कि डीएवी के प्रधान पद्मश्री आर्यरत्न पूनम सूरी, डीएवी पब्लिक स्कूल्स पीएस-1 के निदेशक डॉ जेपी शूर और सीएई की निदेशिका निशा पेशिन के आशीर्वाद और झारखंड जोन एफ से उनके प्रेम के कारण यह कार्यशाला सफलतापूर्वक संपन्न हो गयी।
उन्होंने कहा कि वह बड़े भाग्यशाली हैं कि पद्मश्री आर्यरत्न पूनम सूरी, निदेशक डॉ जेपी शूर और डॉक्टर निशा पेशिन के कारण उन्हें झारखंड में उनकी सेवा करने का मौका मिला है।
उन्होंने कहा कि सबों में प्रेरणा भरनेवाले महान मानव डॉ जेपी शूर के समर्पण भाव और प्रेरणा शक्ति से वह बहुत ही प्रभावित हैं, उनकी प्रेरणा से ही झारखंड जोन एफ निरंतर सफलता के सोपान पर आगे बढ़ता जा रहा है।
उन्होंने कहा कि डॉ शूर के अथक प्रयास और समर्पण भाव से डीएवी आंदोलन को एक नयी दिशा मिली है।
डॉ शूर बहुत नेक, सरल, कर्मठ और संवेदनशील इंसान हैं और वह किसी भी प्रकार की समस्या का तुरंत समाधान करने में मदद करते हैं।
उनके सफल नेतृत्व के कारण झारखंड समेत देश के अन्य राज्यों में शिक्षा का स्तर तेजी से बढ़ा है।
उल्लेखनीय है कि यह शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला (वेबिनार) डीएवी सीएई (सेंटर फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस) के तत्वावधान में आयोजित की गयी।
डीएवी के प्रधान पद्मश्री पूनम सूरी, डीएवी पब्लिक स्कूल्स पीएस-1 के निदेशक डॉ जेपी शूर और सीएई की निदेशिका निशा पेशिन के संयुक्त निर्देशन में इस शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला (वेबिनार) का आयोजन डीएवी झारखंड जोन एफ के विद्यालयों से ऑनलाइन आयोजित की गयी।
प्रशिक्षण जोन एफ के सहायक क्षेत्रीय पदाधिकारी स्वतंत्र प्रभार एमके सिन्हा की देखरेख में चला।
सहायक क्षेत्रीय पदाधिकारी ने प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जोन एफ के प्राचार्यों को एक-एक विषय का पर्यवेक्षक बनाया था।
डीएवी गांधीनगर के प्राचार्य एसके सिन्हा अंग्रेजी के पर्यवेक्षक बनाये गये, जबकि डीएवी बरियातू के प्राचार्य वीके पांडेय को रसायन विज्ञान और भौतिकी का पर्यवेक्षक बनाया गया।
डीएवी बिष्टुपुर की प्राचार्य प्रज्ञा सिंह को जीव विज्ञान विषय का पर्यवेक्षक बनाया गया, जबकि डीएवी डाल्टनगंज के प्राचार्य जीएन खान को कॉमर्स और अर्थशास्त्र विषय का पर्यवेक्षक बनाया गया।
वहीं, डीएवी बरही के प्राचार्य अशोक कुमार सिंह को संस्कृत और हिंदी का पर्यवेक्षक बनाया गया था।
गणित विषय के लिए डीएवी नीरजा सहाय के प्राचार्य तरुण कुमार मिश्र को पर्यवेक्षक बनाया गया है, जबकि डीएवी पुनदाग के प्राचार्य राजश्री मिश्रा को ईईडीपी का पर्यवेक्षक बनाया गया था।
शिक्षकों में जिन्हें प्रभारी बनाया गया था, उनमें हिंदी में आलोक इंद्र गुरु और साधना शर्मा, अंग्रेजी के लिए त्रिपुरारी कुमार मिश्र, विनीता वर्मा, संस्कृत में उदयनाथ झा, भौतिकी में वीके पाठक, रसायन विज्ञान में संजय कुमार सिंह, जीव विज्ञान में डॊ नरेंद्र कुमार पांडेय और अर्थशास्त्र विषय में नागेंद्र झा के प्रभार में वेबिनार का आयोजन किया गया था।
इस कार्यशाला में डीएवी झारखंड जोन एफ के विद्यालयों के 1300 से ज्यादा शिक्षकों ने भाग लिया।
अंत में विद्यालय के प्राचार्य सह सहायक क्षेत्रीय पदाधिकारी एमके सिन्हा ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सहायता करनेवाले सभी प्राचार्यों, शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मचारियों को धन्यवाद दिया।