रांची: रांची सिविल कोर्ट के मिडिएशन केंद्र में शुक्रवार को 14 वर्ष पुराना घरेलू विवाद का सुखद अंत हुआ। विशेष मध्यस्थ निर्मल रंजन व दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की कोशिश से घरेलू विवाद को सुलझा लिया गया।
दरअसल, मीना और अमन (बदला हुआ नाम) का पारिवारिक विवाद इतना बढ़ चुका था कि घर की दहलीज से मामला अदालत की चौखट तक जा पहुंचा था।
इसके बाद कोर्ट ने मामले को मध्यस्थता के लिए भेजा। मध्यस्थता के दौरान दोनों पक्षों के परिवार वालों, रिश्तेदारों, मित्रों, वकीलों और मध्यस्थ के समझाने पर दोनों पक्ष बिना किसी भय-दबाव के आपसी सहमति से फिर से साथ रहने को तैयार हो गये।
दोनों पक्षों की रजामंदी से ही परिवार खुशहाल होता है
मध्यस्थता के दौरान यह तय हुआ कि पति पत्नी को भाड़े के मकान में रखेगा। साथ ही पत्नी की सारी जरूरतों को पूरा करेगा।
वह पत्नी को प्रत्येक माह होने वाले व्यक्तिगत खर्चों का वहन भी करेगा। दोनों पक्ष समय-समय पर मायका एवं ससुराल जायेंगे और एक-दूसरे का सम्मान करेंगे।
डालसा सचिव राकेश रंजन ने दोनों पक्षों को भविष्य में वाद-विवाद न करने की सलाह दी एवं उज्जवल भविष्य की कामना की।
उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों की रजामंदी से ही परिवार खुशहाल होता है, जिससे बच्चों का भविष्य भी उज्ज्वल होता है।
पति-पत्नी के बीच चल रहे इस विवाद को सुलझाने में विशेषज्ञ मध्यस्थ निर्मल रंजन व दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं देवेंद्र कुमार राम एवं प्रशांत मुंडा का महत्वपूर्ण योगदान रहा।