धनबाद: सिविल सर्जन डॉक्टर श्याम किशोर कांत ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना गरीब मरीजों के इलाज के लिए है लेकिन धनबाद के निजी अस्पताल और नर्सिंग होम बकाया भुगतान की मांग को लेकर गरीबों का इलाज नहीं कर रहे हैं।
यह मानवीय तौर पर सरासर गलत हो रहा है। जो निजी नर्सिंग होम अथवा निजी अस्पताल इलाज नहीं करेंगे, उन पर सीधी क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।
मंगलवार को पत्रकारों से वार्ता के दौरान सिविल सर्जन ने कहा कि कुछ अस्पताल नियम कानून को दरकिनार करते हुए इलाज कर रहे हैं।
डायलिसिस के लिए मना करेंगे तो ऐसे अस्पतालों पर भी कार्रवाई की जाएगी
निजी अस्पताल और नर्सिंग होम मरीजों के इलाज के नाम पर लूट रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ऐसे अस्पतालों पर कार्रवाई करेगा। उन्होंने कहा कि कई और अस्पतालों में भी जेपी अस्पताल की तरह गड़बड़ी की शिकायत मिल रही है।
उन्होंने सदर अस्पताल में जल्द आयुष्मान भारत के तहत इलाज की सुविधा शुरू होगी। इसके लिए अस्पताल मैनेजिंग कमेटी की बैठक हो रही है। यहां आने वाले मरीजों को आयुष्मान भारत के तहत तमाम प्रकार की चिकित्सकीय सुविधाएं मिल पाएंगी।
सदर अस्पताल परिसर में किडनी केयर केंद्र चल रहा है। पीपीपी मोड पर चल रहे इस केंद्र में चार डायलिसिस मशीन है। सुबह से लेकर शाम तक केंद्र चलाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि निजी अस्पताल यदि डायलिसिस के लिए मना करेंगे तो ऐसे अस्पतालों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
जल्द ही धनबाद में भुगतान की प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी
सिविल सर्जन ने बताया कि धनबाद के नर्सिंग होम और निजी अस्पतालों को आयुष्मान भारत के तहत जल्द भुगतान किया जाएगा। इस संबंध में आयुष्मान भारत के प्रोजेक्ट डायरेक्टर रांची को भी सूचित किया गया है।
उन्होंने आश्वासन दिया है कि जल्द ही धनबाद में भुगतान की प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी। सिविल सर्जन ने कहा कि भुगतान की प्रक्रिया में देरी हुई है, इसका मतलब यह नहीं है कि निजी अस्पताल या नर्सिंग होम अपना काम नहीं करें।
बोकारो, रांची जमशेदपुर सहित कई जिलों में आयुष्मान भारत के तहत निजी अस्पताल और नर्सिंग होम का बकाया है, लेकिन वहां पर कोई भी इलाज बंद नहीं कर रहे हैं। ऐसा केवल धनबाद में हो रहा है।
मालूम हो कि धनबाद के आयुष्मान भारत से जुड़े अस्पतालों ने सिविल सर्जन कार्यालय को पत्र लिखा था। सिविल सर्जन ने बताया कि इस पत्र को वरीय अधिकारियों को अग्रेषित कर दिया गया है।