रांची: प्रर्वतन निदेशालय (ED ) ने शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी और उनके भाई अमरेंद्र तिवारी को समन भेजा है।
ईडी सूत्रों ने सोमवार को बताया कि तिवारी बंधुओं को पूछताछ के लिए तलब किया गया है कि वे शराब व्यापार के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हैं या नहीं।
बताया गया है कि ईडी और भी लोगों को पूछताछ के लिए बुला सकती है। क्योंकि ईडी ने पिछले और चालू वित्त वर्ष की कई कंपनियों की व्यावसायिक गतिविधियों और लेनदेन का विश्लेषण किया है।
ईडी ने अब तक 19 कंपनियों से की पूछताछ
आरोप है कि ये सभी कंपनियां एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं और तिवारी के नियंत्रण में हैं। इसके अलावा, ईडी ने कुछ वित्तपोषण कंपनियों की जांच की है।
ईडी रिटेलर्स एसोसिएशन की शिकायतों और जनहित याचिका के आधार पर मामले की जांच कर रही है।
इसमें इस बात की भी जांच हो रही है कि शराब के व्यापार पर एक शक्तिशाली कार्टेल का एकाधिकार है जो बेहिसाब धन को प्रसारित कर रहा है।
इसी तरह, बिहार में भी ईडी ने अवैध शराब व्यापार के खिलाफ जांच शुरू कर दिया है जहां शराब पर पूर्ण प्रतिबंध है।
जांच में पता चला है कि शराब माफियाओं द्वारा झारखंड से बिहार में अवैध रूप से शराब की आपूर्ति की जाती है।
इस तरह के इनपुट पर झारखंड में ईडी को जांच का निर्देश दिया गया था।
उल्लेखनीय है कि झारखंड सरकार ने इस साल शराब नीति में संशोधन कर कारोबार पर नियंत्रण कर लिया है।
लेकिन इससे पहले जिलों के लिए व्यापार का लाइसेंस नीलामी के जरिए जारी किया जाता था। यह आरोप लगाया गया था कि शक्तिशाली कार्टेल व्यवसाय पर हावी था।
ऐसी कंपनियों के बैंक खाते के विवरण से पता चला कि वित्तीय वर्ष 2021-2022 की पहली तिमाही के दौरान उनके पास एक नगण्य प्रारंभिक शेष राशि थी।
लेकिन कुछ ही दिनों में करोड़ों रुपये जमा कर दूसरी कंपनियों के खातों में ट्रांसफर कर दिए गए।