दुमका: जिले के शिकारीपाड़ा थाना इलाके में शनिवार की सुबह मयूराक्षी ट्रेन (Mayurakshi Train) की चपेट में आने से दो किशोर व एक किशोरी की मौत हो गई।
तीनों की मौत अपने पीछे कई अनसुलझे सवाल छोड़ गई। जिसकी तह तक जाना पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।
अभी पुलिस केवल हादसा मानकर ही पूरे घटनाक्रम को देख रही है, लेकिन उसे भी आम लोगों की तरह पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है।
भले ही मरने वाले के स्वजन किसी तरह का शक जाहिर नहीं कर रहे हैं, लेकिन लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं।
सुबह जैसे ही गांव के लोगों को एक साथ तीन किशोरों की मौत का पता चला, तो आसपास ही नहीं दूर दराज के लोग घटनास्थल पर पहुंच गए। शव किसी और ट्रेन की वजह से क्षत विक्षत नहीं हो जाएं, इसलिए स्थल से हटाकर सुरक्षित जगह पर रख दिए।
एक साथ तीन लोग ट्रेन से कैसे कट सकते हैं?
हर किसी की जुबान पर यही बात थी कि एक साथ तीन लोग ट्रेन से कैसे कट सकते हैं। इतने बेखबर थे कि किसी को ट्रेन की आवाज तक सुनाई नहीं दी।
जबकि अमूनन काफी दूर से किसी ट्रेन का आभास हो जाता है। अगर कोई पटरी पर लेटा भी होता है तो उसे सबसे पहले ट्रेन आने की आभास हो जाता है।
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या तीनों जान देने के लिए पटरी पर लेटे थे। क्या इतनी गहरी नींद में थे कि ट्रेन आने का पता नहीं चला।
अगर चल भी गया था तो भागने का प्रयास क्यों नहीं किया। लोगों के मन में यह भी सवाल उठा है कि किशोरी के घर जाने के बाद किसी ने तीनों की हत्या तो नहीं कर दी और इसे आत्महत्या का रूप देने के लिए एक शव को पटरी पर और बाकी दो को पटरी के करीब लाकर फेंक दिया हो।
लगातार बयान बदल रही प्रिया
स्थानीय लोगों की माने तो बच निकली किशोरी रात भर अपने दोस्तों के साथ थी। फिर क्यों उसने पुलिस के समक्ष स्वीकार किया कि वह तीनों साथियों को छोड़कर देर शाम को घर वापस आ गई।
इसको लेकर अगर आ भी गई थी तो उसने दोस्तों के घरवालों को सूचित क्यों नहीं किया। अगर उसने सूचित कर दिया होता तो स्वजन आकर तीनों को साथ ले जाते।
आखिर वह क्यों झूठ बोल रही है। हालांकि पुलिस ने उससे काफी देर तक पूछताछ की लेकिन वह शाम को घर आने वाले बयान पर डटी रही।
पुलिस केवल हादसा मानकर पूरे घटनाक्रम को देख रही l
मरने वालों के स्वजन किसी तरह का शक जाहिर नहीं कर रहे है।
वहीं पुलिस का कहना है कि स्वजनों के बयान पर यूडी केस दर्ज किया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से सब सच सामने आ जाएगा।
अगर रिपोर्ट में जरा सा भी संदेह सामने आता है तो उसी दिशा में कार्रवाई की जाएगी। बच निकली किशोरी ने जो बयान दिया है कि वह हादसे की ओर इशारा कर रहा है।
घर से झूठ बोलकर निकले थे बच्चे
हादसे में मरने वाले अजय हेम्ब्रम व साइमन मरांडी घर में झूठ बोलकर निकले थे। उन्होंने किसी को नहीं बताया कि देर रात तक वह किसके साथ रहने वाले हैं।
एक की गर्दन कटी तो बाकी को चोट कैसे लोगों का कहना है कि एक किशोर का तो सिर धड़ से अलग हो गया। वहीं एक किशोर और किशोरी को केवल गहरी चोट आई।
क्या दोनों को ट्रेन के आने का आभास हो गया था। अगर हो गया था तो साथी को जगाने का प्रयास क्यों नहीं किया। अगर करते तो शायद ट्रेन की चपेट में नहीं आता।