खूंटी: उप विकास आयुक्त ने सोमवार को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2022 के सफल संचालन को लेकर गठित विभिन्न कोषांगों का निरीक्षण किया।
अवलोकन के क्रम में सर्वप्रथम मतपेटीका कोषांग का जायजा डीडीसी ने लिया। इसके उपरांत जिला जनसम्पर्क कार्यालय में अवस्थित सामग्री कोषांग का निरीक्षण किया।
उन्होंने बताया कि सामग्री कोषांग के माध्यम से मतदान कर्मियों के बीच मतदान के लिए सभी आवश्यक सामग्री का वितरण किया जाना है।
इस संबंध में कोषांग के नोडल पदाधिकारी को तत्परता के साथ वितरण से पूर्व सामग्री वर्गीकरण सुनिश्चित करने का निर्देश उन्होंने दिया।
अवलोकन के दौरान जिला समाहरणालय स्थित कार्मिक, प्रशिक्षण एवं डाटा प्रबंधन कोषांग का भी जायजा लिया गया।
उन्होंने बताया कि कार्मिक कोषांग के द्वारा सभी विभागों में उपलब्ध कर्मियों का ब्योरा डाटा प्रबंधन कोषांग को उपलब्ध कराया जा रहा है, जहां युद्ध स्तर पर सभी डाटा की ऑनलाइन प्रविष्ठियां की जा रही है, ताकि सभी मतदान कर्मियों का समयानुसार प्रशिक्षण दिया जा सके और जिले में निष्पक्ष मतदान प्रक्रिया को पूर्ण किया जा सके।
उन्होंने बताया कि अभ्यर्थियों प्रत्याशियों से कहा गया है कि निर्वाचन सभाओं के आयोजन के लिए सार्वजनिक स्थान यथा मैदान निष्पक्ष रूप से सभी प्रत्याशियों के लिये उपलब्ध होना चाहिए।
विश्राम गृह, डाक बंगले और अन्य सरकारी आवास निर्वाचन लड़ने वाले सभी अभ्यर्थियों को न्याय संगत आधार पर उपलब्ध होना चाहिए। अन्य प्रत्याशियों और अभ्यर्थियों की आलोचना उनकी नीतियां कार्यक्रम, पुराने रिकार्ड और कार्य मात्र से संबंधित होनी चाहिए।
प्रस्तावित सभाओं के संबंध में स्थान और समय के बारे में स्थानीय पुलिस को समय रहते सूचित किया जाए और सभी आवश्यक अनुमति भी प्राप्त की जाए।
यदि प्रस्तावित सभा के स्थान पर प्रतिबंधात्मक या निषेधात्मक आदेश लागू हो, तो उनका पूरी तौर पर पालन किया जाय।
मतदान के दिन वाहन चलाने पर प्रतिबंधों का पूर्ण रूपेण पालन किया जाए
यदि छूट आवश्यक हो तो उसके लिए आवेदन अवश्य किया जाए और समय रहते उसे प्राप्त कर लिया जाए।
प्रस्तावित सभा के लिए लाउडस्पीकरों या इसी प्रकार की अन्य सुविधाओं के प्रयोग के लिए अनुमति अवश्य ली जाए।
किसी भी जुलूस के शुरू होने का समय स्थान, मार्ग किस स्थान पर जुलूस समाप्त होगा, यह पहले से तय करके पुलिस प्राधिकारियों से अग्रिम रूप से अनुमति ले लेनी होगी।
जुलूस का रास्ता ऐसा होना चाहिए जिससे यातायात में कोई बाधा न पड़े। कार्यकर्त्ताओं द्वारा बिल्ले या पहचान पत्रों को अवश्य प्रदर्शित किया जाना चाहिए।
मतदाताओं की जारी पहचान पर्ची सादे (सफेद) कागज की होनी चाहिए, जिस पर अभ्यर्थी का नाम या प्रतीक नहीं होना चाहिए।
मतदान के दिन वाहन चलाने पर प्रतिबंधों का पूर्ण रूपेण पालन किया जाए। राज्य निर्वाचन आयोग से प्राप्त वैध प्राधिकार पत्र वाले व्यक्ति ही किसी मतदान केन्द्र पर किसी भी समय प्रवेश कर सकते हैं।
कोई व्यक्ति चाहे वह कितना भी उच्चपदासीन हो, मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद या विधायक आदि इस मामले का अपवाद नहीं हो सकते।