रांची: प्रवर्तन निदेशालय (ED) निवेशकों से करोड़ों की जालसाजी कर फरार होने वाले डीजेएन ग्रुप के खिलाफ शीघ्र चार्जशीट दाखिल करेगी।
डीजेएन कमोडिटिज (ऑफलाइन) ने निवेशकों से रुपये को ऑनलाइन बिजनेस के नाम पर जमा करवाया।
यह झांसा दिया कि प्रति माह उच्च ब्याज देंगे। इसके बाद निवेशकों के पैसे को लेकर फरार होने की कोशिश की और पकड़े गए. इस मामले में ईडी जल्द चार्जशीट दाखिल करेगी।
उल्लेखनीय है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने डीजेएन ग्रुप पर कार्रवाई करते हुए करोड़ों की चल-अचल संपत्ति अटैच कर ली है।
ऑफलाइन बिजनेस शुरू कर लोगों को ठगा
ईडी ने यह कार्रवाई मनी लाउंड्रिंग एक्ट के तहत की है। जब्त संपत्ति में गढ़वा, लातेहार और रांची जिले में ग्रुप के बैंक खाते, गाड़िया और अचल संपत्ति शामिल हैं।
ईडी ने रांची के लालपुर थाने में 220/2016 में दर्ज केस और चार्जशीट के बाद मनी लाउंड्रिंग एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान शुरू की थी।
यह केस जितेंद्र मोहन सिन्हा, विशाल कुमार सिन्हा, प्रशांत कुमार सिन्हा और इवाटोली के रहने वाले संतोष के विरुद्ध दर्ज था।
ईडी ने जांच में पाया कि मेसर्स डीजेएन कमोडिटिज विशाल कुमार सिन्हा की मुंबई स्थित एमसीएक्स से पंजीकृत थी।
इस कंपनी के निदेशकों ने एक साजिश के तहत मिलजुलकर निवेशकों के साथ धोखाधड़ी की। इन लोगों ने डीजेएन कमोडिटिज के नाम से एक ऑफलाइन बिजनेस शुरू किया और लोगों को ठगा।